विश्विद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) ने क्वालिटी मैंडेट (Quality Mandate) के अंतर्गत गुरुवार को 5 दस्तावेज जारी किए. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' (Ramesh Pokhriyal 'Nishank') ने इन दस्तावेजों को लॉन्च किया. जिन पांच दस्तावेजों को यूजीसी ने लॉन्च किया है उसमें उच्च शिक्षा संबधी पहलुओं जैसे मूल्यांकन में सुधार, ईको फ्रेंडली और सस्टेनेबल यूनिवर्सिटी कैंपस , मानव मूल्य और पेशेवर नैतिकता, फैकल्टी इंडक्शन और शोध की एकरूपता को बरकरार रखना है.
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इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि क्वालिटी मैंडेट को अपना कर यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है. इस मैंडेट से स्टूडेंट्स को जरूरी कौशल, ज्ञान और नैतिकता हासिल होगी. मंत्री ने कहा कि स्टूडेंट्स के मूल्यांकन में सुधार के बिना उच्च शिक्षा में सुधार नहीं हो सकता है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मूल्यांकन को और अधिक अर्थपूर्ण बनाने के लिए रिपोर्ट 'इवैल्यूएशन रिफॉर्म्स इन हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन इन इंडिया' संस्थानों के लिए बहुत फायदेमंद रहने वाली है. 'सतत' ( फ्रेमवर्क फॉर ईको फ्रेंडली एंड सस्टेनेबल कैंपस डेवलपमेंट इन हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन) के बारे में बताते हुए रमेश पोखरियाल ने कहा कि इससे यूनिवर्सिटी को बढ़ावा मिलेगा कि वे कैंपस के माहौल को बेहतर बनाएं.
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'मूल्यप्रवाह' की मदद से शैक्षणिक संस्थानों में मानव मूल्यों और नैतिकता को बढ़ावा मिलेगा. 'गुरु-दक्षता' शिक्षकों को बढ़ावा देगा कि वे स्टूडेंट्स को ध्यान में रखते हुए शिक्षण पद्धतियां अपनाएं, आईसीटी का प्रयोग करें, नई शिक्षण और मूल्यांकन पद्धतियों का इस्तेमाल करें.
मंत्री ने शोध को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया. उन्होंने यूजीसी द्वारा कंजोरटियम फॉर अकेडेमिक एंड रिसर्च एथिक्स (यूजीसी-सीएआरई) स्थापित करने की तारीफ भी की. उन्होंने कहा कि इससे अकादमिक एकरूपता और प्रकाशन में नैतिकता को बढ़ावा मिलेगा.
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