नई दिल्ली:
एनईईटी यूजी परीक्षा 2017 को लेकर उठे विवादों के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) वारंगल में इस परीक्षा का दोबारा आयोजन करेगा. वारंगल में छात्रों ने शिकायत की थी कि उनहें तेलुगू में परीक्षा के लिए तेलुगू भाषा का चयन करने के बावजूद तेलुगू में प्रश्न पत्र उपलब्ध नहीं कराए गए. यह जानकारी तेलंगाना के एनईईटी अधिकारी ने दी है. परीक्षा का आयोजन आज किया जा रहा है. इससे संबंधित छात्रों को पहले से ही परीक्षा के कार्यक्रम और स्थान के बारे में सूचित किया जा चुका है.
एनडीटीवी से बात करने वाले आधिकारिक अधिकारी के मुताबिक, परीक्षा में कुल 230 छात्र शामिल होंगे, जिनमें से 228 छात्र तेलगु भाषा में परीक्षा दे सकेंगे जबकि बाकी दो हिंदी भाषा में परीक्षा देंगे. परीक्षा में भाषा का माध्यम तेलुगू चयनित होने के बावजूद 228 छात्रों को हिंदी भाषा में प्रश्न पत्र दिए गए थे. परीक्षा सेंट पीटर्स सेंट्रल पब्लिक स्कूल, वारंगल में आयोजित की जाएगी.
छात्रों ने जब इस सम्बंध में निरीक्षक से बात की तो उन्होंने उस समय मौजूद भाषा में ही पेपर देने को कहा. पेपर खत्म होने के बाद जब छात्रों ने अपने माता-पिता को इस बारे में बताया तो वह प्रदर्शन करने लगे. नतीजतन बोर्ड ने इन छात्रों के लिए परीक्षा का पुन: आयोजन करने का फैसला लिया.
इस साल नीट कई विवादों में फंसा. पहले कहा गया कि हिंदी और अंग्रेजी भाषा के प्रश्न पत्र रिजनल भाषा के प्रश्न पत्रों के मुकाबले आसान थे. इसके अलावा छात्रों ने इस बात की भी शिकायत की कि सवालों का सही ढंग से अनुवाद नहीं किया गया है.
एनडीटीवी से बात करने वाले आधिकारिक अधिकारी के मुताबिक, परीक्षा में कुल 230 छात्र शामिल होंगे, जिनमें से 228 छात्र तेलगु भाषा में परीक्षा दे सकेंगे जबकि बाकी दो हिंदी भाषा में परीक्षा देंगे. परीक्षा में भाषा का माध्यम तेलुगू चयनित होने के बावजूद 228 छात्रों को हिंदी भाषा में प्रश्न पत्र दिए गए थे. परीक्षा सेंट पीटर्स सेंट्रल पब्लिक स्कूल, वारंगल में आयोजित की जाएगी.
छात्रों ने जब इस सम्बंध में निरीक्षक से बात की तो उन्होंने उस समय मौजूद भाषा में ही पेपर देने को कहा. पेपर खत्म होने के बाद जब छात्रों ने अपने माता-पिता को इस बारे में बताया तो वह प्रदर्शन करने लगे. नतीजतन बोर्ड ने इन छात्रों के लिए परीक्षा का पुन: आयोजन करने का फैसला लिया.
इस साल नीट कई विवादों में फंसा. पहले कहा गया कि हिंदी और अंग्रेजी भाषा के प्रश्न पत्र रिजनल भाषा के प्रश्न पत्रों के मुकाबले आसान थे. इसके अलावा छात्रों ने इस बात की भी शिकायत की कि सवालों का सही ढंग से अनुवाद नहीं किया गया है.
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