केंद्र सरकार नेशनल डेंटल कमीशन बिल 2020 के तहत बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल स्टडीज) के छात्रों के लिए एक एग्जिट एग्जाम की शुरुआत करने जा रही है. इस परीक्षा के आधार पर ही छात्र एमडीएस (मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी) करने और डेंटिस्टरी लाइसेंस लेने के योग्य समझे जाएंगे. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने नेशनल डेंटल कमीशन बिल 2020 का ड्राफ्ट जारी किया है. बिल को फाइनल करने से पहले इस बिल पर लोगों के सुझाव मांगे गए हैं. 20 फरवरी से पहले अपने सुझाव देने हैं. बता दें कि ये बिल अगर कानून बनता है तो यह डेंटिस्ट एक्ट 1948 को निरस्त कर देगा. मंत्रालय ने कहा है कि नेशनल डेंटल कमीशन बिल से सरकार नेशनल डेंटल कमीशन बनाएगी.
DAVV 2020 Exams: देवी अहिल्या विश्विद्यालय में 1 मार्च से आयोजित की जाएंगी ग्रेजुएशन की परीक्षाएं
बिल बीडीएस छात्रों के लिए एक एग्जिट एग्जाम की बात करता है. इसे नेशनल एग्जिट टेस्ट (नेक्स्ट) के नाम से जाना जाएगा. एमबीबीएस एग्जिट एग्जाम की तर्ज पर ही यह एक्जिट एग्जाम आयोजित किया जाएगा. यह परीक्षा एक स्क्रीनिंग टेस्ट की तरह काम करेगी जिसके बाद ही पोस्ट ग्रेजुएट डेंटल कोर्स में दाखिला मिलेगा. साथ ही इस परीक्षा को पास करने के बाद डेंटिस्टरी प्रैक्टिस करने के लिए लाइसेंस मिलेगा.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में चौथे दिन भी नहीं हो सकी परीक्षाएं
बिल के मुताबिक इस बिल के कानून बनने के तीन साल बाद से इस परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. नेक्स्ट परीक्षा विदेशी छात्रों के लिए प्रवेश परीक्षा का काम करेगी. विदेशी छात्रों को भारत में डेंटिस्टरी प्रैक्टिस करने के लिए यह परीक्षा देनी होगी. बिल में चार स्वायत्त बोर्ड बनाने की बात कही गई है. अंडरग्रेजुएट डेंटल एजुकेशन बोर्ड, पोस्ट ग्रेजुएट डेंटल एजुकेशन बोर्ड, द डेंटल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड और एथिक्स एंड डेंटल रजिस्ट्रेशन बोर्ड. प्रत्येक बोर्ड में एक अध्यक्ष, दो फुल-टाइम सदस्य और दो पार्ट-टाइम सदस्य होंगे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं