बर्लिन:
वैज्ञानिकों ने अपने एक शोध में पाया है कि गणित के अध्ययन में रूचि रखने वाले और इसमें बेहतर अंक पाने वाले बच्चे उच्च शैक्षणिक उपलब्धियां हासिल करते हैं. वैज्ञानिकों ने अपने शोध में यह भी पाया कि गणित अध्ययन में सकारात्मक भावनाएं और सफलता एक दूसरे को परस्पर सुदृढ़ करती हैं.
वैज्ञानिकों ने पाया कि छात्रों की सीखने की प्रवृत्ति और ज्ञान संबंधी प्रदर्शन पढ़ाई के दौरान खुशी, चिंता और बोरियत जैसी भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से प्रभावित होती हैं.
जर्मनी के म्युनिख में लुडविग-मैक्सिमिलियंस-यूनीवर्सिटैट (एलएमयू) में शोधकर्ताओं ने पाया कि स्कूल के संदर्भ में छात्रों की भावनाएं उनकी उपलब्धि से जुड़ी होती हैं.
यह अध्ययन गणित में उपलब्धि पर केंद्रित था जो ना केवल शिक्षा एवं आर्थिक उत्पादकता के लिये अहम है बल्कि इसे छात्रों में त्वरित दृढ़ भावनात्मक प्रतिक्रियाओं के लिये भी जाना जाता है.
एलएमयू म्युनिख और ऑस्ट्रेलियन कैथोलिक यूनीवर्सिटी के प्रोफेसर रीनहार्ड पेकरून ने कहा कि हमने पाया कि वर्ष दर वर्ष भावनाएं छात्रों की गणित उपलब्धि को प्रभावित करती हैं.
अध्ययन का नेतृत्व करने वाले पेकरून ने कहा कि ना केवल अधिक कुशाग्र छात्र बेहतर ग्रेड तथा परीक्षा में अच्छे अंक पाते हैं बल्कि जिन छात्रों को गणित के अध्ययन में रूचि रहती है वे भी बेहतर उपलब्धि पाते हैं.
उन्होंने कहा कि गुस्सा, चिंता, शर्म, बोरियत या नाउम्मीदी रखने वाले छात्रों को कम सफलता मिलती है. यह शोध प्रोजेक्ट फॉर एनलालिसिस ऑफ लर्निंग एंड अचीवमेंट इन मैथेमेटिक्स (पीएएलएमए) के तहत किया गया था. एलएमयू की स्टीफेनी लीशटेनफेल्ड ने कहा कि गणित में सफल प्रदर्शन करने वाले छात्रों की भावनाएं सकारात्मक होती हैं.
वैज्ञानिकों ने पाया कि छात्रों की सीखने की प्रवृत्ति और ज्ञान संबंधी प्रदर्शन पढ़ाई के दौरान खुशी, चिंता और बोरियत जैसी भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से प्रभावित होती हैं.
जर्मनी के म्युनिख में लुडविग-मैक्सिमिलियंस-यूनीवर्सिटैट (एलएमयू) में शोधकर्ताओं ने पाया कि स्कूल के संदर्भ में छात्रों की भावनाएं उनकी उपलब्धि से जुड़ी होती हैं.
यह अध्ययन गणित में उपलब्धि पर केंद्रित था जो ना केवल शिक्षा एवं आर्थिक उत्पादकता के लिये अहम है बल्कि इसे छात्रों में त्वरित दृढ़ भावनात्मक प्रतिक्रियाओं के लिये भी जाना जाता है.
एलएमयू म्युनिख और ऑस्ट्रेलियन कैथोलिक यूनीवर्सिटी के प्रोफेसर रीनहार्ड पेकरून ने कहा कि हमने पाया कि वर्ष दर वर्ष भावनाएं छात्रों की गणित उपलब्धि को प्रभावित करती हैं.
अध्ययन का नेतृत्व करने वाले पेकरून ने कहा कि ना केवल अधिक कुशाग्र छात्र बेहतर ग्रेड तथा परीक्षा में अच्छे अंक पाते हैं बल्कि जिन छात्रों को गणित के अध्ययन में रूचि रहती है वे भी बेहतर उपलब्धि पाते हैं.
उन्होंने कहा कि गुस्सा, चिंता, शर्म, बोरियत या नाउम्मीदी रखने वाले छात्रों को कम सफलता मिलती है. यह शोध प्रोजेक्ट फॉर एनलालिसिस ऑफ लर्निंग एंड अचीवमेंट इन मैथेमेटिक्स (पीएएलएमए) के तहत किया गया था. एलएमयू की स्टीफेनी लीशटेनफेल्ड ने कहा कि गणित में सफल प्रदर्शन करने वाले छात्रों की भावनाएं सकारात्मक होती हैं.
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