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This Article is From Aug 15, 2019

15 August: भारत की आजादी के लिए क्यों चुनी गई 15 अगस्त की तारीख?

Independence Day 2019: 14-15 अगस्त की मध्यरात्रि भारत की आजादी की घोषणा की गई थी.

15 August: भारत की आजादी के लिए क्यों चुनी गई 15 अगस्त की तारीख?
15 August: 15 अगस्त 1947 को जवाहर लाल नेहरू ने ऐतिहासिक भाषण दिया था.
नई दिल्ली:

स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है. 15 अगस्त (15 August) 1947 को भारत को अंग्रेजों के शासन से आजादी मिली थी और यही कारण है कि 15 अगस्त का दिन हर किसी के लिए बेहद खास है. भारत की आजादी (Independence Day) के दिन जवाहर लाल नेहरू ने ऐतिहासिक भाषण दिया था. जिसे हम 'ट्रिस्ट विद डेस्टनी' से जानते हैं. यह भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के द्वारा संसद में दिया गया पहला भाषण है. हर स्वतंत्रता दिवस (India Independence Day) पर भारतीय प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं. लेकिन 15 अगस्त, 1947 को ऐसा नहीं हुआ था. लोकसभा सचिवालय के एक शोध पत्र के मुताबिक नेहरू ने 16 अगस्त, 1947 को लाल किले से झंडा फहराया था. भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा का निर्धारण भी 15 अगस्त को नहीं हुआ था. इसका फैसला 17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन की घोषणा से हुआ. 

ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमंस में इंडियन इंडिपेंडेंस बिल 4 जुलाई 1947 को पेश किया गया. इस बिल में भारत के बंटवारे और पाकिस्तान के बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था. यह बिल 18 जुलाई 1947 को स्वीकारा गया और 14 अगस्त को बंटवारे के बाद 14-15 अगस्त की मध्यरात्रि को भारत की आजादी की घोषणा की गई थी. भारत की आजादी के जश्न में महात्मा गांधी शामिल नहीं हुए थे. जब भारत को आजादी मिली थी तब महात्मा गांधी बंगाल के नोआखली में हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच हो रही सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन कर रहे थे.

लेकिन क्या आपने सोचा है कि देश की आजादी के लिए 15 अगस्त की तारीख को ही क्यों चुना गया?  इस बारे में अलग-अलग इतिहासकारों की मान्यताएं भिन्न हैं. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि सी राजगोपालाचारी के सुझाव पर माउंटबेटन ने भारत की आजादी के लिए 15 अगस्त की तारीख चुनी. सी राजगोपालाचारी ने लॉर्ड माउंटबेटन को कहा था कि अगर 30 जून 1948 तक इंतजार किया गया तो हस्तांतरित करने के लिए कोई सत्ता नहीं बचेगी. ऐसे में माउंटबेटन ने 15 अगस्त को भारत की स्वतंत्रता के लिए चुना. 

वहीं, कुछ इतिहासकारों का मानना है कि माउंटबेटन 15 अगस्त की तारीख को शुभ मानते थे इसीलिए उन्होंने भारत की आजादी के लिए ये तारीख चुनी थी. 15 अगस्त का दिन माउंटबेटन के हिसाब से शुभ था क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध के समय 15 अगस्त, 1945 को जापानी आर्मी ने आत्मसमर्पण किया था और उस समय माउंटबेटन अलाइड फ़ोर्सेज़ के कमांडर थे. 

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