जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) ने कहा कि अकादमिक वर्ष 2019-20 के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD Ministry) द्वारा किए गए केंद्रीय विश्वविद्यालयों के आकलन में जामिया के प्रदर्शन को ‘‘शानदार'' पाया गया. मंत्रालय द्वारा विश्वविद्यालय को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि जामिया ने समग्र आकलन में 95.23 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं. विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने इस शानदार प्रदर्शन का श्रेय अच्छी गुणवत्ता के अध्यापन एवं प्रासंगिक अनुसंधान को दिया. उन्होंने उम्मीद जताई कि विश्वविद्यालय आगामी वर्षों में अपने प्रदर्शन में और सुधार करेगा.
अख्तर ने कहा कि हालिया अतीत में विश्वविद्यालय ने जो चुनौतीपूर्ण समय देखा है, उसके मद्देनजर यह उपलब्धि और महत्वपूर्ण है. जामिया उस समय संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों का केंद्र बन गया था, जब दिल्ली के पुलिसकर्मियों ने पिछले साल 15 दिसंबर को परिसर में घुसकर पुस्तकालय में पढ़ रहे छात्रों पर कथित रूप से लाठीचार्ज किया था. पुलिस का कहना है कि वह संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में शामिल बाहरी लोगों की तलाश में परिसर में घुसी थी.
चुनिंदा अहम मानदंडों पर केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन के आकलन के उद्देश्य से विश्वविद्यालयों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के साथ एक त्रिपक्षीय सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करना होते हैं. जामिया मिल्लिया इस्लामिया सहमति पत्र पर सबसे पहले हस्ताक्षर करने वाला विश्वविद्यालय है.
विश्वविद्यालय ने 2017 में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे. विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन का आकलन छात्रों की विविधता एवं समता, संकाय गुणवत्ता एवं संख्या, अकादमिक परिणामों, अनुसंधान प्रदर्शन, पहुंच, संचालन, वित्त, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग एवं मान्यता और पाठ्येतर गतिविधियों के पैमानों पर किया जाता है. मंत्रालय के ‘नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क' (एनआईआरएफ) की पिछले महीने घोषित रैंकिंग में जामिया विश्वविद्यालय 10वें स्थान पर रहा था. ‘समग्र' श्रेणी में विश्वविद्यालय को 16वां स्थान मिला था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं