विज्ञापन
This Article is From May 22, 2016

अगले साल से लॉ, मेडिकल कॉलेजों की रैकिंग की योजना

अगले साल से लॉ, मेडिकल कॉलेजों की रैकिंग की योजना
मेडिकल संस्थानों की रैकिंग के लिए मानक एम्स के निदेशक से मांगे जा सकते हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय अगले साल से लॉ और मेडिकल कॉलेजों की रैकिंग की योजना बना रहा है। ये कॉलेज उच्च शिक्षण संस्थानों की रैकिंग की व्यवस्था के दायरे से बाहर हैं। अब तक विश्वविद्यालयों, प्रबंधन, इंजीनियरिंग और फार्मेसी कॉलेज ही राष्ट्रीय रैकिंग व्यवस्था का हिस्सा रहे हैं।

मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि बीते चार अप्रैल को पहली राष्ट्रीय रैकिंग जारी होने के बाद मिले फीडबैक पर इस महीने की शुरूआत में एक बैठक में समीक्षा की गई। इस बैठक में सचिव (उच्च शिक्षा) वी एस ओबराय सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया, 'ऐसा महसूस हुआ था कि विधि और मेडिकल कॉलज की श्रेणियां इस बड़े अभ्यास में नदारद थीं। विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया गया कि विधि संस्थानों के लिए कुछ मानक तय होंगे जिनकी मांग राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति से की जा सकती है। इसी तरह मेडिकल संस्थानों की रैकिंग के लिए मानक एम्स के निदेशक से मांगे जा सकते हैं।'

यह भी फैसला किया गया कि 'नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडेशन (एनबीए)' विधि और स्वास्थ्य मंत्रालयों से जुड़े संबंधित पक्षों को लेकर एक उपसमिति का गठन कर सकता है ताकि विधि और मेडिकल संस्थानों की रैकिंग के लिए मानकों को अंतिम रूप दिया जा सके।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
HRD Ministry, Law Colleges, Medical College, National Board Of Accreditation, College Rankings, कॉलेज रैंकिंग, स्मृति ईरानी, विधि कॉलेज, मेडिकल कॉलेज
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com