दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कोविड-19 (COVID-19) महामारी के बीच संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (क्लैट) 2020 के लिए परीक्षा केंद्र पर उपस्थित होने की आवश्यकता को चुनौती देने वाली एक विधि स्नातक छात्र की याचिका पर केंद्र और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (NLU) के कंसोर्टियम से जवाब मांगा है. न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने केंद्र सरकार से अदालत को यह बताने के लिए कहा कि क्या मौजूदा महामारी के मद्देनजर इस तरह की परीक्षा आयोजित करना उचित होगा. अदालत ने केंद्र सरकार और एनएलयू को नोटिस जारी किया और याचिका पर उनसे 10 अगस्त तक अपना पक्ष रखने को कहा गया है. याचिका में कहा गया है कि ऑनलाइन क्लैट परीक्षा (Online CLAT Exams) को घर से देने की अनुमति दी जानी चाहिए.
क्लैट 2020 की अधिसूचना के अनुसार, परीक्षा अधिसूचित केंद्रों पर ऑनलाइन आयोजित की जाएगी, जहां उम्मीदवारों के लिए कंप्यूटर स्थापित किए जाएंगे. कंसोर्टियम की ओर से पेश वकील ने शुरू में कहा कि याचिका दिल्ली में मान्य नहीं है क्योंकि कंसोर्टियम बेंगलुरु में स्थित है. उन्होंने यह भी कहा कि क्लैट को घर से नहीं देने का निर्णय लिया गया क्योंकि इससे बड़े पैमाने पर नकल हो सकती है.
CLAT क्या है?
कॉमल लॉ एडमिशन टेस्ट एक नेशनल लेवल का एंट्रेंस एग्जाम है. इस एग्जाम के जरिए अंडर ग्रेजुएट (UG) और पोस्ट ग्रेजुएट (PG) लॉ कोर्सेस में एडमिशन दिया जाता है. देश में 22 लॉ यूनिवर्सिटी इस कोर्स को कराती हैं. नवंबर 2019 में कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने क्लैट के एग्जाम और सवालों के पैटर्न में बदलाव की घोषणा की थी. परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों को अब 200 के बजाय 150 सवाल ही करने होंगे.
क्लैट 2020 एग्जाम में अंग्रेजी भाषा, करेंट अफेयर्स, लीगल रीजनिंग, लॉजिकल रीजनिंग और क्वांटिटेटिव तकनीक से सवाल पूछे जाएंगे. क्लैट एग्जाम या एडमिशन से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी के लिए उम्मीदवार ऑफिशियस वेबसाइट पर लॉगइन कर सकते हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं