यहां से खुलेगी विदेश से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की राह

यहां से खुलेगी विदेश से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की राह

भारत की जॉब मार्केट को देखते हुए इतनी बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग फ्रेशर्स को जॉब मिलना बहुत मुश्किल होता है. ऐसी स्थिति में अगर आप विदेश जाकर इंजीनियरिंग करने का मन बना रहे हैं तो आपको कई प्रवेश परीक्षाओं का ज्ञान होना बेहद जरूरी है. विदेश में स्थित किसी शैक्षणिक संस्थान से इंजीनियरिंग करने के बाद आपके पास वहीं किसी कंपनी में जॉब करने का मौका तो रहता ही है, साथ ही भारतीय जॉब मार्केट के लिहाज से भी आपका सीवी मजबूत हो जाता है. तो यहां हम बात करते हैं उन परीक्षाओं की जो आपको विदेश जाकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने का गेटपास दिलाएंगी.

अमेरिका में स्थित अमूमन सभी यूनिवर्सिटीज एडमिशन के लिए स्टैंडर्ड टेस्ट का आयोजन करती है ताकि वह छात्र की बेसिक जानकारी और इंग्लिश लेंग्वेज के स्तर को चेक कर सके. विदेशी छात्रों को यहां के विश्वविद्यालयों में दाखिला पाने के लिए ये स्टैंडर्डाइज्ड टेस्ट देने पड़ते हैं. अमेरिका में स्थित ज्यादातर यूनिवर्सिटीज में पोस्ट-ग्रेजुएट और अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में एडमिशन के लिए सैट (Scholastic Aptitude Test - SAT), टोफेल (Test of English as a Foreign Language- TOEFL) और एसीटी (American College Testing - ACT) जैसी परीक्षाएं देनी होती है. इंजीनियरिंग की मास्टर डिग्री के लिए आवेदन कर रहे हैं तो आपको जीआरई और टोफेल के लिए आवेदन करना होगा. अगर आप अमेरिका के अलावा किसी अन्य देश से इंजानियरिंग करना चाह रहे हैं तो आपको आईईएलटीएस (International English Language Testing System) परीक्षा देनी होगी. 

सैट 
सैट परीक्षा से आपकी रीडिंग, राइंटिंग और मैथ्स संबंधी स्किल्स का टेस्ट लिया जाता है. मैथ्स के एक सेक्शन में कैलकुलेटर का इस्तेमाल करने की अनुमति भी होती है. नेगेटिव मार्किंग नहीं होती है. सैट के लिए स्कोर की रेंज 400-1600 तक रहती है. अमेरिका के किसी भी कॉलेज में अंडरग्रैजुएट कोर्स में ऐडमिशन के लिए यह टेस्ट जरूरी होता है.

एसीटी 
एसीटी परीक्षा में छात्रों को साइंस रीजनिंग का सामना करना होता है. इसके जरिए छात्रों की एनालिटिकल स्किल आंकी जाती है. किसी सवाल का उत्तर न आने पर आप गेस कर सकते हैं क्योंकि इसमें भी नेगेटिव मार्किंग नहीं होती है. इस परीक्षा में स्कोर की रेंज 1-36 तक रहती है. 

सैट सब्जेक्ट टेस्ट
अमेरिका के कई टॉप इंजीनियरिंग संस्थान कम से कम दो सैट सब्जेक्ट्स का टेस्ट लेते हैं. इनमें साइंस (फिजिक्स, मैथ्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) और भाषाओं से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं. सब्जेक्ट का चयन आप कर सकते हैं. हर सब्जेक्ट कुल 800 अंकों का होता है. 

जीआरई
यह एक कंप्यूटर बेस्ट टेस्ट होता है जिसमें इंग्लिश, क्वांटिटेटिव एनालिटिकल राइटिंग और क्रिटिकल थिंकिंग स्किल से जुड़े प्रश्न आते हैं. इस परीक्षा में स्कोर की रेंज 260-340 तक रहती है. 

टोफेल और आईईएलटीएस
इन दोनों टेस्ट से स्टूडेंट्स की अंग्रेजी भाषा की जानकारी चेक की जाती है. देखा जाता है कि स्टूडेंट्स की स्टैंडर्ड अमेरिकन इंग्लिश पर कैसी पकड़ है. यह उन स्टूडेंट्स को देना होता है, जिनकी मातृभाषा इंग्लिश नहीं होती और जो इंग्लिश को सेकंड लैंग्वेज के तौर पर यूज करते हैं. दोनों टेस्ट में इंग्लिश में आपकी लिस्निंग, रीडिंग, राइटिंग और स्पीकिंग एबिलिटी चेक की जाती है. TOEFL परीक्षा में स्कोर की रेंज 0-120 तक IELTS में 1-9 तक रहती है. यूके में स्टडी के लिए जाने से पहले आपको आईईएलटीएस देना ही होगा.


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