दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के स्नातक पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष के लिए ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षाएं (Online Open Book Exams) सोमवार को शुरू हुईं. वहीं कई छात्रों ने दो प्रश्न पत्र प्राप्त होने और उत्तर पुस्तिकाओं को अपलोड करने में कठिनाई होने की शिकायत की. परीक्षाएं सुबह 7.30 बजे शुरू हुईं और तीन पालियों में आयोजित की जा रही हैं. स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (SOL) के एक छात्र जुबैर खान ने कहा, ‘‘डेट-शीट के अनुसार आज मेरी हिंदी की परीक्षा थी. जब मैंने अपना प्रश्न पत्र डाउनलोड करने के लिए पोर्टल खोला, तो मैंने पाया कि दो प्रश्न पत्र अपलोड किए गए थे. एक हिंदी का और दूसरा जिसका पेपर 13 अगस्त के लिए निर्धारित है. मैंने एसओएल को मेल भेजे, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. मैंने एक प्रोफेसर से सलाह ली, जिन्होंने मुझे आज के लिए निर्धारित पेपर देने की सलाह दी.''
एक अन्य छात्र, दीपक गुप्ता ने कहा कि उन्हें यकीन नहीं था कि वह पूर्वाह्न 11.30 बजे के निर्धारित समय से पहले अपनी उत्तर पुस्तिकाओं को सफलतापूर्वक अपलोड कर पाएंगे या नहीं. उन्होंने कहा, ‘‘पीडीएफ फाइलें (अपनी उत्तर पुस्तिकाएं की) बनाना समाप्त करने तक 11.28 बज गए थे. मैंने उन्हें अपलोड करने की कोशिश की, लेकिन वे अपलोड नहीं हुए. मैंने उन्हें निर्दिष्ट आईडी पर मेल कर दिया है, लेकिन यह नहीं जानते कि उन्हें स्वीकार किया जाएगा या नहीं.''
बीएससी फिजिकल साइंस के एक छात्र ने अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि पेपर काफी कठिन था और ऐसी स्थिति में, जब कक्षाएं ठीक से नहीं हो सकीं, यह छात्रों के लिए अन्यायपूर्ण था.
मिरांडा हाउस की प्रोफेसर आभा देव हबीब ने कहा कि उनकी कक्षा के अधिकांश छात्रों को उनकी उत्तर पुस्तिकाएं अपलोड करने के बाद कोई पुष्टिकरण मेल नहीं मिला. तब छात्रों ने अपनी उत्तर पुस्तिकाएं विश्वविद्यालय की वेबसाइट को मेल की और उन्हें ऑटो जनरेटेड प्रतिक्रिया मिली.
राजधानी कॉलेज के प्रोफेसर, पंकज गर्ग ने कहा कि छात्रों को मुख्य समस्या उत्तर पुस्तिकाओं को अपलोड करने की आयी. गर्ग ने यह भी कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के दौरान शिक्षक दिक्कतों का सामना करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘इस बात की काफी संभावना है कि स्कैन और अपलोड करते समय पृष्ठों की अदला-बदली होगी, यह अनुक्रम को बिगाड़ देगा. शिक्षकों को उन सभी पृष्ठों को जोड़ने में बहुत सावधानी बरतनी होगी जो एक ही प्रश्न के हैं.''
उन्होंने कहा कि कुछ पृष्ठों के स्कैन धुंधले हो सकते हैं और उन्हें पढ़ना मुश्किल होगा और अगले पृष्ठ से जोड़ना अधिक कठिन होगा और इसलिए उत्तर की निरंतरता खो जाएगी. उन्होंने कहा कि शिक्षकों के लिए, सबसे चुनौतीपूर्ण बिंदु पृष्ठों का अंकन होगा, ऐसा लगता है कि मूल्यांकन में अधिक समय लगेगा. परीक्षाएं कई बार स्थगित की गई हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ मांग कर रहा था कि परीक्षाएं रद्द कर दी जाए और छात्रों का मूल्यांकन पिछले प्रदर्शन और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर किया जाए. दिल्ली उच्च न्यायालय ने परीक्षा आयोजित करने के लिए विश्वविद्यालय को अनुमति दे दी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं