राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का कहना है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत आते हैं और इनके खिलाफ उपभोक्ता फोरम में शिकायत की जा सकती है. आयोग ने कोचिंग इंस्टीट्यूट को शैक्षणिक संस्थान मानने से इंकार किया है. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने कहा है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट के सिवाय कोई भी शिक्षण संस्थान उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत नहीं आते हैं. आयोग ने साफ किया कि कोचिंग सेंटर द्वारा दी जाने वाली सेवाओं में कोई कमी पाई जाती है तो शिकायतकर्ता उसकी शिकायत आयोग के पास कर सकते हैं. कोचिंग इंस्टीट्यूट आयोग के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आते हैं. आयोग ने कहा कि कोचिंग इंस्टीट्यूट की तुलना कॉलेज और यूनिवर्सिटी से करना सही नहीं है.
आयोग ने कहा," कोचिंग सेंटर की तुलना रेगुलर स्कूल या कॉलेजों से नहीं की जा सकती है क्योंकि इनका नियमन किसी संस्था के द्वारा किया जाता है. इसलिए कोचिंग इंस्टीट्यूट शैक्षणिक संस्थानों की परिभाषा में नहीं आते हैं. हमारा मानना है कि कोचिंग सेंटर द्वारा दी जाने वाली सेवाओं में यदि कोई कमी देखी जाती है तो उसकी शिकायत उपभोक्ता फोरम में कर सकते हैं."
ट्रिब्यूनल ने ये टिप्पणी कुछ याचिकाओं को खारिज करते हुए की, जिनमें छात्रों ने विश्विद्यालयों और कॉलेजों के खिलाफ याचिका दायर की थी. आयोग ने कहा कि टूर, पिकनिक, एक्स्ट्रा करीकुलर एक्टिविटी, स्वीमिंग और स्पोर्ट्स उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत नहीं आते हैं. आर के अग्रवाल,वीके जैन और एम. श्रीशा की पीठ ने कहा कि कोई निजी शिक्षण संस्थान हमारे कार्यक्षेत्र में नहीं आता है.
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