बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमें मेडिकल और डेंटल पाठ्यक्रमों के लिए इस वर्ष की राष्ट्रीय योग्यता एवं प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) में बैठने वाले छात्रों की केन्द्रीयकृत काउंसिलिंग का आदेश दिया गया था।
इससे महाराष्ट्र के डीम्ड विश्वविद्यालयों को प्रवेश के लिए अपना काउंसिलिंग सत्र आयोजित करने का अवसर मिलेगा।
मेडिकल और डेंटल कालेज चला रहे निजी डीम्ड विश्वविद्यालय सरकारी आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय की शरण में गये थे जिसमें प्रवेश के लिए केन्द्रीयकृत काउंसिलिंग की बात कही गई थी।
न्यायमूर्ति एसएस केमकर और न्यायमूर्ति एमएस कार्निक की खंडपीठ ने अनिवार्य संयुक्त काउंसिलिंग पर रोक लगाई लेकिन साफ किया कि डीम्ड विश्वविद्यालय एनईईटी की रैंकिंग के आधार पर ही छात्रों को प्रवेश देंगे।
इससे महाराष्ट्र के डीम्ड विश्वविद्यालयों को प्रवेश के लिए अपना काउंसिलिंग सत्र आयोजित करने का अवसर मिलेगा।
मेडिकल और डेंटल कालेज चला रहे निजी डीम्ड विश्वविद्यालय सरकारी आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय की शरण में गये थे जिसमें प्रवेश के लिए केन्द्रीयकृत काउंसिलिंग की बात कही गई थी।
न्यायमूर्ति एसएस केमकर और न्यायमूर्ति एमएस कार्निक की खंडपीठ ने अनिवार्य संयुक्त काउंसिलिंग पर रोक लगाई लेकिन साफ किया कि डीम्ड विश्वविद्यालय एनईईटी की रैंकिंग के आधार पर ही छात्रों को प्रवेश देंगे।
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