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This Article is From Feb 22, 2018

Bihar Board के फरमान के बाद चप्पल पहनकर परीक्षा देने पहुंचे 17 लाख से ज्यादा छात्र

बोर्ड के इस फरमान के बाद बुधवार से शुरू हुई परीक्षा में 17.70 लाख छात्र राज्य के कुल 1,426 परीक्षा केंद्रों पर चप्पल पहनकर पहुंचे.

Bihar Board के फरमान के बाद चप्पल पहनकर परीक्षा देने पहुंचे 17 लाख से ज्यादा छात्र
छात्रों की फाइल फोटो
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Summary is AI generated, newsroom reviewed.
कुछ दिन पहले ही बोर्ड ने जारी किया था फरमान
परीक्षा के दौरान जूता-मोजा पर लगाया था प्रतिबंध
17 लाख से ज्यादा छात्रों ने लिया परीक्षा में हिस्सा
नई दिल्ली: बिहार बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में छात्र बगैर जूता और मोजा के पहुंचे. दरअसल, कुछ दिन पहले ही बोर्ड ने एक नोटिफिकेशन जारी कर बोर्ड की परीक्षा देने वाले छात्रों से बगैर जूता-मोजा पहने परीक्षा केंद्र पर आने की बात कही थी. इस फरमान के पीछे बोर्ड का तर्क था कि वह ऐसा करके परीक्षा के दौरान नकल को रोक पाएंगे. बोर्ड के इस फरमान के बाद बुधवार से शुरू हुई परीक्षा में 17.70 लाख छात्र राज्य के कुल 1,426 परीक्षा केंद्रों पर चप्पल पहनकर पहुंचे.
 

गौरतलब है कि पिछले साल आर्ट्स के टॉपर पर नकल करके टॉपर बनने का आरोप लगा था. इससे पहले 2016 में रुबी राय के टॉपर होने पर भी सवाल उड़े थे. 

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बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस आदेश में कुछ भी नया नहीं है. राज्य में आयोजित होने वाली कॉम्पिटेटिव परीक्षाओं में पहले ऐसा हो चुका है. बोर्ड ने इस साल से इस तरीकों को अपनाने का फैसला किया. हमारा यह प्रयास परीक्षा के दौरान नकल रोकने के लिए है.

VIDEO: यूपी में परीक्षा के दौरान नकल पर लगी रोक. 


पिछले दिनों 12वीं की बोर्ड परीक्षा के दौरान 1000 छात्रों को नकल करने के लिए दंडित भी किया है. बोर्ड नकल रोकने के लिए ही इस तरह के प्रयोग कर रहा है. इसमें  हमें अभी तक कामयाबी मिली है. 

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