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This Article is From Apr 06, 2017

एमबीए कोर्स रद्द करने को लेकर बिहार के विश्वविद्यालय पर जुर्माना

एमबीए कोर्स रद्द करने को लेकर बिहार के विश्वविद्यालय पर जुर्माना
सर्वोच्च उपभोक्ता आयोग ने बिहार के एक विश्वविद्यालय को ‘अनधिकृत रूप से’ एमबीए कोर्स शुरू करके और फिर उसे बंद करके एक आवेदक को ‘परेशान करने’ का दोषी पाया है.

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने हालांकि व्यक्ति को दिये जाने वाले मुआवजे की राशि को घटाकर 25,000 रुपये कर दिया. आयोग ने कहा कि कॉरेसपोंडेंस कोर्स होने के कारण नौकरी जाने की आशंका नहीं है. इससे पहले जिला उपभोक्ता फोरम ने आवेदक को साढ़े चार लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया था.

एनसीडीआरसी का यह आदेश अजय कुमार की अपील पर आया है. आवेदक ने वर्ष 1998 में दरभंगा के एल एन मिथिला विश्वविद्यालय में डिस्टेंस मोड के एमबीए कोर्स के लिए आवेदन किया था लेकिन दो वर्ष बाद विश्वविद्यालय ने कोर्स को रद्द कर दिया.


(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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