दिल्ली विश्वविद्यालय
नयी दिल्ली:
दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक के लिए एडमिशन तय समय सीमा से पीछे चलने के बीच नामांकन के इच्छुक उम्मीदवारों और अभिभावकों के लिए और भी चिंता की स्थिति पैदा हो गई है क्योंकि आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए विश्वविद्यालय ने एडमिशन पॉलिसी अब तक नहीं बनाई है।
सीबीएसई के बारहवीं कक्षा के परिणाम आने के बाद हर वर्ष डीयू के 60 से ज्यादा कॉलेजों में विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए 54 हजार से ज्यादा स्नातक सीटों पर नामांकन का दौर शुरू होता है।
विश्वविद्यालय कम से कम दो हफ्ते पहले विस्तृत नीति को अधिसूचित करता है ताकि एडमिशन नियमों का पालन किया जा सके।
नीति अधिसूचना के बाद ‘‘ओपन डेज’’ काउंसिलिंग होती है ताकि संभावित उम्मीदवारों और उनके अभिभावकों को आगामी कार्यक्रमों से अवगत कराया जा सके।
बहरहाल पूरी प्रक्रिया भंवर में फंसी दिखती है।
एडमिशन की इच्छुक रूचिका भट्ट ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय की तरफ से अभी तक एकमात्र स्पष्टीकरण यह है कि पहली बार नामांकन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। छात्र उसे कैसे करेंगे? क्या प्रबंध होंगे? अब चूंकि प्रक्रिया ऑफलाइन नहीं है तो फिर पूरक दस्तावेज कैसे सौंपे जाएंगे? मुझे उस बारे में कोई जानकारी नहीं है।’’
एडमिशन की इच्छुक एक अन्य उम्मीदवार कनिका त्यागी ने कहा, ‘‘मुझे अपने सबसे अच्छे चार प्रतिशत में किन विषयों को चुनना चाहिए, क्या लड़कियों को कोई छूट मिलेगी, स्पोर्ट्स कोटा या अन्य गतिविधियों में एडमिशन प्रक्रिया कैसे होगी? ये सभी सवाल अनुतरित हैं। तो इन बिंदुओं पर स्पष्टता के बगैर हम सीधे कैसे आवेदन कर दें।’’ जारी
विश्वविद्यालय ने विज्ञान, वाणिज्य और कला के डीन, नौ कॉलेजों के प्रिंसिपल और कार्यकारी तथा शैक्षणिक समिति के सदस्यों को मिलाकर एडमिशन नीति बनाने के लिए 24 सदस्यीय समिति का गठन किया था। उन्होंने कुलपति योगेश त्यागी के पास कुछ अनुशंसाएं भेजी थीं जिन्हें अभी तक मंजूरी नहीं मिली है।
पंजीकरण की प्रक्रिया 28 मई को शुरू होने की उम्मीद थी जो अब एक जून से शुरू होगी। बहरहाल आगे के कार्यक्रम की अभी तक घोषणा नहीं की गई है जिसमें आवेदन की अंतिम तारीख, विभिन्न कट ऑफ की घोषणा और एडमिशन की अंतिम तारीख शामिल है।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होते ही छात्रों को सूचना बुलेटिन मुहैया करा दिया जाएगा।
विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘इस वर्ष हमने पहले अधिसूचना जारी नहीं की क्योंकि कुछ तौर तरीकों को अंतिम रूप दिया जाना है। बहरहाल नामांकन में विलंब असामान्य नहीं है, पीजी, एमफिल और पीएचडी के एडमिशन खत्म होते ही हम उन्हें शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इसलिए इसे एक जून तक टाला गया है।’’ छात्र और अभिभावक विभिन्न मुद्दों को लेकर भ्रम में हैं जिनमें कुछ कॉलेजों द्वारा छात्राओं को छूट मिलेगी या नहीं, बेहतरी चार प्रतिशत के आकलन का फार्मूला, खेल और अन्य गतिविधियों के तहत एडमिशन के लिए केंद्रीकृत परीक्षण और कट ऑफ सूची की संख्या आदि शामिल हैं।
डीयू के अधिकारियों ने अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं किया है कि सेंट स्टीफंस और जीसस एंड मेरी कॉलेज जैसे संस्थान केंद्रीकृत प्रक्रिया का हिस्सा होंगे अथवा नहीं।
सीबीएसई के बारहवीं कक्षा के परिणाम आने के बाद हर वर्ष डीयू के 60 से ज्यादा कॉलेजों में विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए 54 हजार से ज्यादा स्नातक सीटों पर नामांकन का दौर शुरू होता है।
विश्वविद्यालय कम से कम दो हफ्ते पहले विस्तृत नीति को अधिसूचित करता है ताकि एडमिशन नियमों का पालन किया जा सके।
नीति अधिसूचना के बाद ‘‘ओपन डेज’’ काउंसिलिंग होती है ताकि संभावित उम्मीदवारों और उनके अभिभावकों को आगामी कार्यक्रमों से अवगत कराया जा सके।
बहरहाल पूरी प्रक्रिया भंवर में फंसी दिखती है।
एडमिशन की इच्छुक रूचिका भट्ट ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय की तरफ से अभी तक एकमात्र स्पष्टीकरण यह है कि पहली बार नामांकन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। छात्र उसे कैसे करेंगे? क्या प्रबंध होंगे? अब चूंकि प्रक्रिया ऑफलाइन नहीं है तो फिर पूरक दस्तावेज कैसे सौंपे जाएंगे? मुझे उस बारे में कोई जानकारी नहीं है।’’
एडमिशन की इच्छुक एक अन्य उम्मीदवार कनिका त्यागी ने कहा, ‘‘मुझे अपने सबसे अच्छे चार प्रतिशत में किन विषयों को चुनना चाहिए, क्या लड़कियों को कोई छूट मिलेगी, स्पोर्ट्स कोटा या अन्य गतिविधियों में एडमिशन प्रक्रिया कैसे होगी? ये सभी सवाल अनुतरित हैं। तो इन बिंदुओं पर स्पष्टता के बगैर हम सीधे कैसे आवेदन कर दें।’’ जारी
विश्वविद्यालय ने विज्ञान, वाणिज्य और कला के डीन, नौ कॉलेजों के प्रिंसिपल और कार्यकारी तथा शैक्षणिक समिति के सदस्यों को मिलाकर एडमिशन नीति बनाने के लिए 24 सदस्यीय समिति का गठन किया था। उन्होंने कुलपति योगेश त्यागी के पास कुछ अनुशंसाएं भेजी थीं जिन्हें अभी तक मंजूरी नहीं मिली है।
पंजीकरण की प्रक्रिया 28 मई को शुरू होने की उम्मीद थी जो अब एक जून से शुरू होगी। बहरहाल आगे के कार्यक्रम की अभी तक घोषणा नहीं की गई है जिसमें आवेदन की अंतिम तारीख, विभिन्न कट ऑफ की घोषणा और एडमिशन की अंतिम तारीख शामिल है।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होते ही छात्रों को सूचना बुलेटिन मुहैया करा दिया जाएगा।
विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘इस वर्ष हमने पहले अधिसूचना जारी नहीं की क्योंकि कुछ तौर तरीकों को अंतिम रूप दिया जाना है। बहरहाल नामांकन में विलंब असामान्य नहीं है, पीजी, एमफिल और पीएचडी के एडमिशन खत्म होते ही हम उन्हें शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इसलिए इसे एक जून तक टाला गया है।’’ छात्र और अभिभावक विभिन्न मुद्दों को लेकर भ्रम में हैं जिनमें कुछ कॉलेजों द्वारा छात्राओं को छूट मिलेगी या नहीं, बेहतरी चार प्रतिशत के आकलन का फार्मूला, खेल और अन्य गतिविधियों के तहत एडमिशन के लिए केंद्रीकृत परीक्षण और कट ऑफ सूची की संख्या आदि शामिल हैं।
डीयू के अधिकारियों ने अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं किया है कि सेंट स्टीफंस और जीसस एंड मेरी कॉलेज जैसे संस्थान केंद्रीकृत प्रक्रिया का हिस्सा होंगे अथवा नहीं।
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