देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह उतार-चढ़ाव का रुख बरकरार रहने के आसार हैं। निवेशकों की निगाहें संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने वाले वित्त विधेयकों पर टिकी रहेंगी। यहां से कोई सकारात्मक संकेत मिलने के बाद ही बाजार में तेजी की उम्मीद है।
संसद के इस सत्र में जिन प्रमुख वित्त विधेयकों को पेश किए जाने की उम्मीद है उनमें बीमा, पेंशन, बैंकिंग, धन की हेराफेरी रोकने, वेयरहाउसिंग प्रमुख रूप से शामिल हैं।
बीमा विधेयक में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी किए जाने का प्रावधान है। इसी तरह पेंशन विधेयक में स्थानीय पेंशन फंड मैनेजरों के लिए 49 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रावधान है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती और डेरिवेटिव खंड में मासिक निपटान भी शेयर बाजार को गिरावट की ओर खींचने वाले कारक हो सकते हैं।
निवेशकों की निगाहें एक तरफ जहां अमेरिका में 'फिस्कल क्लिफ' पर होंगी, वहीं वित्तीय संकट से जूझ रहे ग्रीस को पैकेज देने के मसले पर यूरोजोन पर भी नजर रहेगी। इस मसले पर यूरोजोन के वित्त मंत्रियों की बैठक 26 नवम्बर को होने वाली है।
शेयर बाजार बुधवार को गुरुनानक जयंती के अवसर पर बंद रहेगा।