सिंगापुर की हाईकोर्ट ने जीएमआर ग्रुप के 511 मिलियन डॉलर के माले स्थित एयरपोर्ट सम्बंधी ठेके को मालदीव की सरकार द्वारा समाप्त किए जाने के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट का यह आदेश कंपनी की अपील पर आया है।
इस खबर के बाद शेयर बाजार में जीएमआर के शेयरों में छह प्रतिशत की तेजी देखी गई है। करीब 11.30 बजे जीएमआर के शेयर 5.65 प्रतिशत के साथ एनएसई में 16.65 रुपये पर कारोबार कर रहे थे।
गौरतलब है कि मालदीव के राष्ट्रपति के प्रेस सचिव मसूद इमाद ने माले से 27 दिसंबर को कहा था कि मंत्रिमंडल की बैठक में जीएमआर समूह को दिए गए अनुबंध को रद्द करने का फैसला किया गया।
मालदीव सरकार ने एक बयान में कहा था कि जीएमआर-एमएएचबी समूह, मालदीव एयरपोर्ट कंपनी लि. तथा सरकार के बीच 28 जून 2010 को हुए समझौते को रद्द करने का फैसला मंत्रिमंडल समिति द्वारा पिछले नौ महीने के दौरान विस्तृत अध्ययन के बाद किया गया है।
देश के एटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने इस बारे में एक पेपर मंत्रिमंडल में पेश किया था। यह पेपर तकनीकी, वित्तीय तथा आर्थिक मामलों पर आधारित था तथा इसमें ब्रिटेन और सिंगापुर के वकीलों की राय भी ली गई थी। बयान के अनुसार मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि एटॉर्नी जनरल कार्यालय जीएमआर माले इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. (जीएमआईएएल) के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा।
वहीं, जीएमआर समूह ने कहा था कि हवाई अड्डा विकास अनुबंध समाप्त करने का मालदीव सरकार का निर्णय अतार्किक और अवैध है।
जीएमआर ने कहा था, ‘‘एकतरफा तथा पूरी तरह अतार्किक कदम उठाते हुए मालदीव की सरकार ने जीएमआर माले इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. (जीएमआईएल) को नोटिस जारी किया है। इसका उद्देश्य इब्राहिम नासिर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईएनआईए) का नियंत्रण लेना है। कंपनी ने कहा कि यह गैरकानूनी नोटिस है और वह इसे उपयुक्त मंच पर चुनौती देगी।
जीएमआर ने कहा, ‘‘..हम यह भी सूचित करना चाहेंगे कि माले सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है कि इस बारे में सिंगापुर में विशेष न्यायाधिकरण के समक्ष मामला लंबित है।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘हम अपने कर्मचारियों तथा संपत्ति की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि कंपनी का रुख हर तरीके से सही साबित होगा।
बता दें कि भारत सरकार ने भी मालदीव सरकार के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था और कहा कि सरकार भारतीयों के जान-माल की रक्षा की व्यवस्था करे।
(इनपुट एजेंसी से भी)