फंसे कर्ज की चिंता फिर से बढ़ने पर बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स बैंक शेयरों में तेज बिकवाली से 255 अंक लुढ़क गया. एक्सिस बैंक का दूसरी तिमाही लाभ घटने से यह पता चलता है कि एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) के मोर्चे पर सब कुछ ठीक नहीं है.
तेल कीमतों में गिरावट से वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख तथा साइरस मिस्त्री के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद टाटा समूह से जुड़ी गतिविधियों का भी बाजार पर प्रभाव पड़ा. बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सूचकांक 254.91 अंक या 0.91 प्रतिशत लुढ़ककर 27,836.51 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स मंगलवार को 88 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ था.
एनएसई का 50 शेयरों वाला निफ्टी भी 76.05 अंक या 0.88 प्रतिशत की गिरावट के साथ 8,615.25 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 8,596.60 से 8,657.30 अंक के दायरे में रहा. डेरेविटिव खंड में अक्टूबर माह के वायदा सौदा समाप्त होने से पहले निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया.
जियोजीत बीएनपी परिबा फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य बाजार रणनीतिकार आनंद जेम्स ने कहा, 'आश्चर्यजनक ढंग से बैंक शेयरों की अगुवाई में गिरावट आई. चूंकि अभी कई बैंकों के वित्तीय नतीजे आने हैं, ऐसे में निवेशकों को इस बात का इंतजार है कि क्या एक्सिस बैंक के वित्तीय परिणाम को एक अलग मामला मानकर खारिज किया जा सकता है.'
टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टीसीएस जैसे टाटा समूह के शेयरों में गिरावट बुधवार को भी जारी रही. इनमें 4.27 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई. सेंसेक्स के 30 शेयरों में 21 नुकसान में, जबकि नौ लाभ में रहे. बाजार में गिरावट में वित्तीय शेयरों का बड़ा योगदान रहा. बीएसई बैंक सूचकांक 1.89 प्रतिशत नीचे आया.
सेंसेक्स के 30 शेयरों में एक्सिस बैंक सबसे नुकसान में रहा. बैंक का शेयर 8.04 प्रतिशत नीचे आया. बैंक का जुलाई-सितंबर तिमाही का शुद्ध लाभ 83 प्रतिशत नीचे आने की खबर से शेयर लुढ़का. इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक, अडाणी पोर्ट्स, विप्रो, एशियन पेंट्स, सिप्ला, पावर ग्रिड, सन फार्मा, ल्यूपिन, एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, गेल तथा आरआईएल में भी गिरावट रही.