बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के दूसरे दिन गुरुवार को देश के अन्य हिस्सों की तरह उत्तर प्रदेश में भी वित्तीय गतिविधियां ठप हैं। हड़ताली कर्मचारी बैंकिंग क्षेत्र में सुधार और गैर-प्रमुख सेवाओं की आउटसोर्सिंग का विरोध कर रहे हैं।
राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य शहरों के बैंकों में आज दूसरे दिन कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा है। बैकिंग क्षेत्र की अलग-अलग यूनियनों के पदाधिकारियों ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की मुख्य शाखा में एकत्र होकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की।
दो दिवसीय हड़ताल में राज्य के विभिन्न बैंकों की करीब 10 हजार शाखाओं के तकरीबन 1.5 लाख बैंककर्मी शामिल हैं। हड़ताल से ग्राहक सेवा, चैकों के समाशोधन, बैंक लॉकर से संबंधित कार्य, पूंजी बाजारों और बैंक द्वारा चलाई जाने वाली सभी गतिविधियां प्रभावित हैं।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के सदस्य वाईके अरोड़ा ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि निजीकरण, आउटसोर्सिंग, अनुकम्पा नियुक्ति और बैंकिंग संशोधन विधेयक के खिलाफ बैंककर्मी हड़ताल कर रहे हैं।
अरोड़ा ने कहा कि हमारी हड़ताल आज समाप्त हो जाएगी, लेकिन अगर केंद्र सरकार गूंगी-बहरी बनी रही तो जल्द आंदोलन और तेज होगा और बैंकों में अनिश्तिकालीन हड़ताल होगी।
नकदी निकालने के लिए लोगों को एटीएम पर निर्भर होना पड़ रहा है, हालांकि आम आदमी को नकदी को लेकर परेशानी न हो इसके लिए बैंकों की तरफ से एटीएम मशीनों में पर्याप्त धन जमा कराया गया है, लेकिन कुछ जगहों पर एटीएम में नकदी समाप्त होने लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।