भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का शुद्ध लाभ गत 30 सितंबर को समाप्त दूसरी तिमाही में 30 प्रतिशत बढ़कर 3,658.14 करोड़ रुपये रहा है। हालांकि, इस दौरान की बैंक की परिसंपत्तियों पर दबाव बढ़ता दिखा। बैंक की पुराने कर्ज में फंसी राशि (एनपीए) बढ़कर 5.15 प्रतिशत पर पहुंच गई।
बंबई शेयर बाजार को दी गई जानकारी में बैंक ने कहा है कि इससे पिछले वित्तवर्ष की इसी तिमाही में बैंक ने 2,810.43 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया था। हालांकि, इस दौरान बैंक की परिसंपत्तियों की गुणवत्ता पर दबाव दिखा और उसकी सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) का अनुपात बढ़कर 5.15 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 4.19 फीसदी पर थी।
बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में स्टेट बैंक ने कहा है कि उसकी सकल गैर-निष्पादित आस्तियां 49,202.46 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। समीक्षाधीन तिमाही में बैंक की मुख्य ब्याज आमदनी 4.69 फीसदी इजाफे के साथ 10,974 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं, वहीं कुल आय बढ़कर 32,953.47 करोड़ रुपये रहीं, जो इससे पिछले वित्तवर्ष की समान तिमाही में 29,394.32 करोड़ रुपये रही थीं। बैंक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि घरेलू परिचालन से उसका तिमाही के दौरान शुद्ध ब्याज मार्जिन लगभग स्थिर 3.77 प्रतिशत रहा। एसबीआई की कुल पूंजी पर्याप्तता 12.63 प्रतिशत रही।