पिछले नौ साल में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के विमान से किए गए विदेशी दौरों पर 642 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च हुई है।
सूचना का अधिकार कानून के तहत इस जानकारी का खुलासा प्रधानमंत्री कार्यालय ने किया है। केंद्रीय सूचना आयोग ने हाल ही में दिए एक आदेश में मंत्रिमंडल सचिवालय से व्यापक जनहित के मद्देनजर मंत्रियों और अतिविशिष्ट व्यक्तियों (वीवीआईपी) की यात्रा पर हुए खर्च का ब्योरा सार्वजनिक करने के लिए कहा।
मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) सत्यानंद मिश्रा ने कहा, हमने देखा है कि राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसी रसूखदार हस्तियों की यात्रा को लेकर लोगों की गहरी दिलचस्पी रहती है। आरटीआई आवेदनों के जरिये अक्सर इन दौरों के बारे में जानकारी मांगी जाती है।
पिछले साल पीटीआई को मिली सूचना में खुलासा किया गया था कि पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान विदेशी दौरों पर 223 करोड़ रुपये खर्च किए। इसके बाद वीआईपी दौरों को लेकर बहस शुरू हो गई थी। मनमोहन सिंह की यात्रा संबंधी सूची से पता चलता है कि वर्ष 2012 में वह जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए मैक्सिको और रियो प्लस 20 शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील गए थे। उनके इस सात-दिवसीय दौरे पर सबसे अधिक, 26.94 करोड़ रुपये खर्च हुए।
मनमोहन 2010 में परमाणु सुरक्षा सम्मेलन, ब्रिक (बीआरआईसी) सम्मेलन और आईबीएसए सम्मेलन में भाग लेने के लिए अमेरिका के वाशिंगटन डीसी और ब्राजील गए थे। इस दौरे की हवाई यात्रा पर 22.70 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।