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RBI ने बैंकों से बचत खाते में हर तिमाही में ब्याज डालने को कहा

भारतीय रिजर्व बैंक ने करोड़ों बचत खाता धारकों के हित में निर्देश देते हुए बैंकों से कहा है कि वह बचत खातों में प्रत्येक तिमाही अथवा इससे भी कम अवधि में ब्याज का भुगतान करें। वर्तमान में बैंकों के बचत खाते में प्रत्येक छमाही ब्याज का भुगतान किया जाता है।
NDTV Profit हिंदीReported by Bhasha
NDTV Profit हिंदी06:19 PM IST, 15 Mar 2016NDTV Profit हिंदी
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भारतीय रिजर्व बैंक ने करोड़ों बचत खाता धारकों के हित में निर्देश देते हुए बैंकों से कहा है कि वह बचत खातों में प्रत्येक तिमाही अथवा इससे भी कम अवधि में ब्याज का भुगतान करें। वर्तमान में बैंकों के बचत खाते में प्रत्येक छमाही ब्याज का भुगतान किया जाता है। हालांकि, बचत खाते में 1 अप्रैल, 2010 से प्रतिदिन के हिसाब से ब्याज की गणना की जाती है।

रिजर्व बैंक ने 3 मार्च को जारी मास्टर सकुर्लर में कहा, 'घरेलू बचत खाता जमा पर ब्याज प्रत्येक तिमाही और इससे भी कम अवधि में जमा किया जाना चाहिए।' सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक जहां बचत खाता जमा पर 4 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान करते हैं, वहीं निजी क्षेत्र के बैंक 6 प्रतिशत तक ब्याज की पेशकश करते हैं।

वर्ष 2011 में केंद्रीय बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों को बचत खाता जमा पर ब्याज दर तय करने की छूट देने का फैसला किया था। नियंत्रित ब्याज दर परिवेश की समाप्ति का यह आखिरी फैसला था। बैंकों को यह आजादी दिए जाने के साथ रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि एक लाख रुपये तक की जमा पर समान ब्याज दर की पेशकश की जानी चाहिए। इससे अधिक राशि की जमा पर बैंकों को अलग-अलग ब्याज देने की अनुमति होगी।

विश्लेषकों के अनुसार जितनी कम अवधि होगी उतना ही जमा रखने वालों को फायदा होगा। बैंकों को ग्राहकों को अधिक राशि देनी होगी। एक अनुमान के अनुसार बचत खाते में कम अवधि में ब्याज भुगतान करने से बैंकों पर 500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ सकता है। इससे पहले बैंक बचत खाते पर 3.5 प्रतिशत की दर से ब्याज देते थे। ब्याज का भुगतान प्रत्येक माह की 10 तारीख से लेकर माह की अंतिम तिथि के बीच सबसे कम जमा राशि पर दिया जाता था।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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