भाजपा ने बुधवार को आरोप लगाया कि ‘धन के बदले रेलवे बोर्ड के सदस्य की प्रोन्नति’ मामले में पूर्व रेलमंत्री पवन कुमार बंसल को क्लीनचिट देकर सीबीआई ने प्रधानमंत्री को बचाने की कवायद की है।
पार्टी ने आरोप लगाया, ‘‘जिस तरह अश्विनी कुमार ने प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय को बचाने के लिए सीबीआई के हलफनामे में बदलाव किया था, ठीक उसी तरह इस कांड में पीएमओ की भूमिका छिपाने के लिए बंसल को सीबीआई ने क्लीन चिट दी है।’’
मुख्य विपक्षी दल के प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री ने यहां कहा, रेलवे बोर्ड के सदस्य और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन की पदोन्नति, जो मंत्री पद के बाद सबसे बड़ा पद और भारत सरकार के संयुक्त सचिव के समकक्ष पद होता है, की बोली बंसल के रेलमंत्री रहते लगी, जिसके लिए करोड़ों रुपये दिए गए।
उन्होंने कहा, इस मामले में सीबीआई ने बंसल के भांजे को तो आरोपी बनाया, लेकिन इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार बंसल को क्लीनचिट दे दी।
सचाई सामने लाने के लिए बंसल को भी अभियुक्त बनाने की मांग करते हुए शास्त्री ने कहा, ‘‘इस पूरे मामले से भाजपा की इस मांग कि प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए, को बल मिलता है।’’ उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड के सदस्य की प्रोन्नति के लिए पैसे दिए गए, दोनों मध्यस्थ जिनकी नजदीकियां बंसल से हैं, आरोपी बने और रेल बोर्ड के सदस्य जिनकी प्रोन्नति हुई, वे भी आरोपी बने हैं, ऐसी हालत में, तत्कालीन रेल मंत्री कैसे बच सकते हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, रेलवे बोर्ड के सदस्य का स्तर भारत सरकार के संयुक्त सचिव के समकक्ष का होता है, ऐसे में उससे संबंधित फाइलें पीएमओ तक जाती हैं। रेलवे बोर्ड के नए सदस्य बनाने संबंधी फाइलें भी बंसल द्वारा अनुमोदित हुई और उसके बाद वे फाइलें पीएमओ तक गई।
उनके अनुसार, ‘‘अगर सीबीआई अपनी चार्जशीट में बंसल का नाम शामिल करती तो इससे पीएमओ के भी इस घोटाले में सहभागी होने की बात सामने आती और जांच की आंच प्रधानमंत्री तक पंहुचती। इस तरह बंसल को क्लीन चिट देते हुए सीबीआई ने एक बार फिर प्रधानमंत्री को बचाने की कोशिश की है।’’
उन्होंने कहा इन सारे तथ्यों को देखते हुए भाजपा की इस मांग को बल मिलता है कि प्रधानमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।