रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने ईनाम जीतने को लेकर केंद्रीय बैंक के नाम पर धोखाधड़ी वाले ई-मेल को लेकर लोगों को आगाह किया और कहा कि शीर्ष बैंक प्रत्यक्ष रूप से नागरिकों को धन नहीं देता, हालांकि वह नोट की छपाई जरूर करता है.
रिजर्व बैंक ने एक साल चलने वाला सार्वजनिक जागरुकता और उपभोक्ता संरक्षण अभियान शुरू किए जाने की भी घोषणा की. इनमें से एक केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) नियमों के संदर्भ में जागरुकता से जुड़ा है और दूसरा लोगों के साथ फर्जीवाड़ा करने की धोखाधड़ी वाली गतिविधियों के लिए है.
गवर्नर ने कहा, 'अगर आपको मेरी तरफ या भविष्य में नए गवर्नर के नाम पर ई-मेल मिलता है और उसमें यह कहा जाता है कि आपको 50 लाख रुपये मिलने हैं, लेकिन इसके लिए आपको 20,000 रुपये सौदा शुल्क फलाने बैंक में जमा करना है. तो आप ऐसे मेल को देखकर तुंरत 'डिलीट' कीजिए. उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि इस प्रकार के ई-मेल मेरी ओर से नहीं होता. रिजर्व बैंक आम लोगों को प्रत्यक्ष रूप से धन नहीं देता.
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