भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर रघुराम राजन को महज 18 दिन बचे हैं, लेकिन वित्तमंत्री अरुण जेटली का कहना है कि इस केंद्रीय बैंक के प्रमुख की नियुक्ति को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व मुख्य सलाहकार राजन ने जून में ही घोषणा कर दी थी कि वह आरबीआई गवर्नर पद पर दूसरा कार्यकाल नहीं लेने जा रहे, ऐसे में उम्मीद है कि नरेंद्र मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्री जेटली, जल्द ही इस पद पर नियुक्ति की घोषणा कर सकते हैं. हालांकि जब पत्रकारों ने उनसे इस बाबत पूछा तो उन्होंने कहा, 'इस बारे में फैसला होने पर हम आपको बता देंगे.' पीएम मोदी के साथ बैठक से लौटने पर वित्तमंत्री ने पत्रकारों से कहा, 'आपको जल्द ही निष्कर्ष का पता चल जाएगा, प्रक्रिया का नहीं.'
रघुराम राजन का तीन वर्षों का कार्यकाल 4 सितंबर को खत्म हो रहा है. निवेशकों के बीच राजन की छवि रॉक-स्टार की है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के इस पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री ने 2008 की आर्थिक मंदी की भविष्यवाणी काफी पहले ही कर दी थी. ऐसे में सरकार राजन के उत्तराधिकारी के चयन में खासी माथा-पच्ची कर रही है, ताकि निवेशकों का भरोसा बरकरार रहे.
सूत्रों के मुताबिक, राजन के उत्तराधिकारी के रूप में जिन नामों को शॉर्टलिस्ट किया गया है, उनमें विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बासु, रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल, पूर्व डिप्टी गवर्नर सुबीर गोकर्ण और भारतीय स्टेट बैंक की अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य का नाम है.
सूत्रों के अनुसार कौशिक बासु का विश्व बैंक के साथ कार्यकाल 31 जुलाई को खत्म हो रहा है और वे रिजर्व बैंक के गवर्नर के पद के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. हालांकि इसमें कुछ राजनीतिक दिक्कतें भी पेश आ सकती हैं, जैसे कौशिक बासु ने पिछली यूपीए सरकार के लिए मुख्य आर्थिक सलाहकार के तौर पर काम किया है और वे नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के मार्गदर्शन में अध्ययन कर चुके हैं. बता दें कि 2014 के आम चुनाव में अमर्त्य सेन ने प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी का विरोध किया था.
वहीं रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन भी इस दौड़ में शामिल रहे हैं. हालांकि उनके करीबी सूत्रों के अनुसार वे खुद गवर्नर के पद के लिए अनिच्छुक हैं. 68 वर्षीय मोहन गवर्नर पद की दौड़ में सबसे बुजुर्ग व्यक्ति हैं। वे हाल ही में येले यूनिवर्सिटी में पद लेने के लिए अमेरिका जा चुके हैं.
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय जल्द ही इस बाबत फैसले की घोषणा कर सकता है. हालांकि फिलहाल इस बात की संभावना कम ही है कि पीएम मोदी जेटली के प्रस्तावित नाम को ही मंजूर करेंगे.
यहां इतना जरूर है कि रघुराम राजन के बाद गवर्नर के पद पर चाहे जो भी आए मुद्रास्फिति पर नियंत्रण पाने के लिए उस पर निवेशकों की कड़ी नजर रहेगी.
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