रीयल्टी कंपनियों के प्रमुख संगठन क्रेडाई ने मंगलवार को कहा कि घरों की कीमतों में और कटौती की गुंजाइश नहीं है, क्योंकि इससे गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बढ़ेंगी और रीयल एस्टेट परियोजनाओं में आपूर्ति न किए जाने की स्थिति पैदा होगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने सोमवार को रीयल एस्टेट कंपनियों से कहा था कि वे कीमतों में कटौती करें, जिससे अधिक से अधिक लोग घर खरीदने को प्रोत्साहित हों।
'कीमत घटाने से एनपीए बढ़ेगा'
क्रेडाई (राष्ट्रीय) के अध्यक्ष गेतांबर आनंद ने कहा, 'देश में तैयार खड़े नए मकानों में से करीब 90 प्रतिशत की कीमतें पहले ही 20 से 30 प्रतिशत नीचे आ चुकी हैं। कीमतों में और कटौती की गुंजाइश नहीं है। कीमत अधिक घटने से बैंकों का एनपीए (संकटग्रस्त कर्ज) बढ़ेगा, और प्रोजेक्ट की डिलिवरी अटकेगी।'
बढ़ रहे हैं बिना बिके मकानों की संख्या
आनंद ने कहा कि राजन के बयान को इस रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने एडजेस्टमेंट की बात की है, कीमत घटाने की नहीं। यह एडजेस्टमेंट कुछ और तरीकों मसलन आसान भुगतान योजना के जरिये भी किया जा सकता है। रीयल एस्टेट क्षेत्र इस समय मांग की कमी से जूझ रहा है। जिससे बिना बिके मकान बढ़ रहे हैं और परियाजनाओं में देरी हो रही है।
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