ADVERTISEMENT

नई लाइसेंस प्रणाली से लगेगी दूरसंचार कंपनियों की हिस्सेदारी पर लगाम

दूरसंचार विभाग द्वारा जारी नई एकीकृत लाइसेंस प्रणाली के दिशा-निर्देशों के कारण अब दूरसंचार कंपनियों द्वारा आपस में हिस्सेदारी की भागीदारी करने पर लगाम लग जाएगी।
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी09:45 PM IST, 03 Aug 2013NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

दूरसंचार विभाग द्वारा जारी नई एकीकृत लाइसेंस प्रणाली के दिशा-निर्देशों के कारण अब दूरसंचार कंपनियों द्वारा आपस में हिस्सेदारी की भागीदारी करने पर लगाम लग जाएगी। नई लाइसेंस प्रणाली के कारण वर्तमान समय में भारती एयरटेल के शेयरों में वोडफोन इंडिया की पांच फीसदी हिस्सेदारी पर भी असर पड़ेगा।

वर्तमान लाइसेंस प्रणाली के तहत दूरसंचार कंपनियों को उसी सर्किल में दूसरी दूरसंचार कंपनी के शेयरों में 10 फीसदी हिस्सेदारी लेने की अनुमति है।

नए दिशा-निर्देश वर्तमान लाइसेंस प्रणाली 'युनाइटेड एक्सेस सर्विस लाइसेंस' की जगह प्रभावी होंगे। सभी मोबाइल फोन कंपनियों के लिए नई लाइसेंस प्रणाली को अपनाना अनिवार्य होगा। नए लाइसेंस प्रणाली के अनुसार दूरसंचार कंपनियों को एक ही परमिट के तहत सभी सेवाएं देनी होंगी।

वर्तमान समय में दूरसंचार कंपनियों को विभिन्न सेवाएं जैसे, इंटरनेट, मोबाइल तथा लंबी कॉल सुविधा आदि प्रदान करने के लिए अलग-अलग परमिट लेने की आवश्यकता होती है।

एक बार नई एकीकृत लाइसेंस प्रणाली शुरू होने के बाद दूरसंचार कंपनियों के लिए विभिन्न सेवाएं प्रदान करने में प्रौद्योगिकीय सीमा समाप्त हो जाएगी।

नए दिशा-निर्देशों में स्पेक्ट्रम के लिए लाइसेंस की बाध्यता समाप्त कर दी गई है, तथा जो 15 करोड़ रुपये प्रवेश शुल्क पर उपलब्ध हो जाएगी।

इससे पहले दूरसंचार कंपनियों को एअरवेव्स के रूप में मिलने वाली पूरे देश के लिए मोबाइल सेवा परमिट लेने के लिए 1,658 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते थे। आगे से एअरवेव्स को नीलामी के जरिए खरीदा जा सकेगा।

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT