शेयर बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि कंपनियों के कार्यपरिणामों का दौर समाप्ति की ओर है। आने वाले दिनों में शेयर बाजार की स्थिति मॉनसून की चाल और वैश्विक बाजारों के विकासक्रम पर निर्भर होगी।
आदित्य ट्रेडिंग सॉल्यूशन्स (एटीएस) के संस्थापक विकास जैन ने कहा, बाजार में तकनीकी सुधार अवश्यंभावी है, जहां ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील माने जाने वाले शेयरों में मुनाफावसूली हो सकती है। जिन शेयरों के दाम विशुद्ध रूप से ब्याज दर में कटौती की उम्मीद में बढ़े हैं, वे निश्चित तौर पर गिरावट का सामना करेंगे।
भारतीय रिजर्व ने कहा है कि महंगाई का जोखिम बरकरार है। खुदरा महंगाई दर अब भी ऊंची बनी हुई है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आंकड़ा दशक के निम्न स्तर पर पहुंचने के बीच बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर बाजार में सुस्त कारोबार होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि रुपये का उतार-चढ़ाव और मॉनसून का आगमन निकट समय में बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। पिछले सप्ताह शेयर बाजार पर चौथी तिमाही के कमजोर जीडीपी आंकड़े, रुपये की भारी गिरावट और कमजोर वैश्विक बाजार की काली छाया मंडराती रही।