पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि उनका मंत्रालय ओएनजीसी, आईओसी व गेल जैसी 13 सार्वजनिक तेल कंपनियों के आपस में विलय के किसी प्रस्ताव पर फिलहाल विचार नहीं कर रहा है.
प्रधान ने यहां कहा, ‘मंत्रालय विलय के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहा है. यह विचार एक सार्वजनिक कंपनी के निदेशक ने रखा था और अन्य सभी विचारों की तरह इस पर बहस होगी, हम इस पर बहस कर रहे हैं.’
उल्लेखनीय है कि पेट्रोलियम मंत्रालय के अधीन 13 सार्वजनिक कंपनियां आती हैं जिनमें ओएनजीसी, ऑयल इंडिया, आईओसी, बीपीसीएल, एचपीसीएल, गेल इंडिया व इंजीनियर्स इंडिया शामिल है. उक्त सभी कंपनियों को मिलाकर एक विशाल समूह बनाने का विचार रखा गया जो कि वैश्विक स्तर पर भी प्रतिस्पर्धा कर सके, साथ ही तेल कीमतों में उतार चढ़ाव से भी अप्रभावित रहे.
प्रधान ने कहा कि यह एक विचार है और वे इसके व्यावहारिक पहलू पर देखना चाहेंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं विकल्पों पर विचार को तैयार हूं. मैंने यही कहा है.’ मंत्री ने यह भी कहा कि वे घरेलू उत्पादित कच्चे तेल पर उपकर में कटौती के लिए भी वित्त मंत्रालय पर जोर दे रहे हैं.
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