शेयर बाजारों में अगले सप्ताह भी उतार-चढ़ाव का दौर बने रहने की संभावना है। इसकी एक प्रमुख वजह फ्यूचर एवं ऑप्शन (एफ एंड ओ) वर्ग में कारोबारियों द्वारा अपने निवेश को स्थानांतरित करना है। अगस्त का डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स गुरुवार 30 अगस्त को समाप्त हो रहा है।
इसके अलावा बाजार की चाल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों पर भी निर्भर करेगी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा पहली तिमाही के जून माह के सकल घरेलू उत्पाद आंकड़े शुक्रवार 31 अगस्त को जारी किए जाएंगे। पिछले साल की चौथी तिमाही के मार्च में जारी जीडीपी आंकड़े नौ साल के निचले स्तर पर पहुंचकर 5.3 फीसदी पर पहुंच गया था। इसकी प्रमुख वजहों में ऊंची ब्याज दर, वैश्विक मांग में कमी और अर्थव्यवस्था में सुधार की गति को जारी रख पाने में सरकार की विफलता शामिल थी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार 23 अगस्त को भूमि अधिग्रहण के मसौदा प्रस्ताव में बदलाव के संबंध में निर्णय को फिलहाल टाल दिया। इससे भी बाजार में नकारात्मक संकेत गया है क्योंकि इस पर फैसला हो जाने से भूमि अधिग्रहण के काम में तेजी आती और कई परियोजनाओं में गति आती।
सरकार के पास अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए भी पर्याप्त समय नहीं है क्योंकि दिसंबर में दो राज्यों, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन राज्यों में चुनाव खत्म होते ही मार्च 2013 से जनवरी 2014 तक 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इसके बाद आम चुनाव मई 2014 में होना है।
अगले कुछ दिनों में आटोमोबाइल और सीमेंट कंपनियों के शेयरों पर नजर रहेगी क्योंकि इस सेक्टर की कंपनियां अपनी अगस्त माह की बिक्री के आंकड़े शनिवार एक सितंबर से जारी करेंगी। इधर अगस्त में कई राज्यों में अच्छी खासी बारिश हुई है जिसका कि बाजार पर सकारात्मक असर होने की संभावना है।