संकटग्रस्त किंगफिशर एयरलाइंस ने गुरुवार को कहा कि पिछले सात महीनों से वेतन का भुगतान नहीं किए जाने को लेकर जारी गतिरोध दूर करने के लिए प्रबंधन एवं कर्मचारियों के बीच बातचीत विफल रहने के चलते कंपनी ने आंशिका तालाबंदी आज और 8 दिन बढ़ा दी।
किंगफिशर एयरलाइंस के दिल्ली स्थित एक कर्मचारी की पत्नी द्वारा वित्तीय तनाव के चलते कथित तौर पर आत्महत्या करने से स्थिति और खराब हो गई है।
कंपनी ने नेशनल स्टाक एक्सचेंज को दी सूचना में यह जानकारी भी दी कि उसके कंपनी सचिव भरत राघवन ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। कर्मचारियों को भेजे एक आंतरिक संदेश में प्रबंधन ने तालाबंदी 12 अक्तूबर तक जारी रखने के निर्णय की जानकारी दी।
बकाया तनख्वाह का भुगतान करने में विफल रहने के लिए हड़ताली पायलटों ने कंपनी के खिलाफ श्रम अदालत जाने की योजना बनाई है। किंगफिशर एयरलाइंस के सीईओ संजय अग्रवाल और कार्यकारी उपाध्यक्ष हितेश पटेल ने इंजीनियरों व पायलटों सहित दिल्ली स्थित कर्मचारियों को ड्यूटी पर वापस लौटने के लिए राजी करने के वास्ते उनसे मुलाकात की।
सूत्रों ने कहा कि प्रबंधन ने कर्मचारियों को मार्च महीने की तनख्वाह की पेशकश की और बाकी छह महीने की तनख्वाह पुनर्पूंजीकरण होने पर भुगतान करने का वादा किया। दो दिन में दूसरी बार कर्मचारियों द्वारा यह पेशकश ठुकरा दी गई। किंगफिशर के शेयर भाव में आज लगातार चौथे दिन गिरावट का रुख रहा और कंपनी का शेयर करीब पांच प्रतिशत तक टूट गया।
नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने भी इस बात पर आशंका जाहिर की है कि किंगफिशर एयरलाइंस जल्द ही अपना परिचालन बहाल कर सकेगी। किंगफिशर में गहराते संकट को लेकर चिंतित ऋणदाताओं ने पैदा होती स्थितियों पर चर्चा करने के लिए मुंबई में एक आपात बैठक की।
वहीं दूसरी ओर, विमानन कंपनी के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक के बाद हड़ताली कर्मचारियों ने कहा, ‘‘बकाया वेतन के भुगतान के संबंध में प्रबंधन द्वारा कोई प्रतिबद्धता नहीं जताए जाने के चलते वार्ता विफल रही।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कर्मचारी परिचालन दोबारा शुरू करने से पहले 7 महीने से लटके वेतन का भुगतान किए जाने की मांग कर रहे हैं। सभी कर्मचारी काम पर लौटने के इच्छुक हैं बशर्ते उनके बकाए वेतन का जल्द से जल्द भुगतान कर दिया जाए।’’ किंगफिशर को 8,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था और उस पर 7,000 करोड़ रुपये का और ऋण बोझ है।