भारतीय बाजार में प्रवेश पाने के लिए वॉलमार्ट स्टोर की अमेरिका में लाबिंग गतिविधियों की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित समिति ने शुक्रवार को इस वैश्विक खुदरा सीरीज के कार्यकारियों से मुलाकात की और इस बारे में ब्यौरा मांगा।
समिति की वालमार्ट एशिया तथा भारती समूह के साथ उसकी संयुक्त उद्यम कंपनी भारती वालमार्ट प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधियों से मुलाकात हुई। इस मौके पर प्रतिनिधियों के साथ उनके वकील भी थे।
कंपनी से समिति द्वारा पूछे गए सवालों का ब्यौरा देने को कहा गया था। समिति का गठन वालमार्ट द्वारा तेजी से बढ़ रहे भारतीय बाजार में प्रवेश पाने के लिए अमेरिकी सांसदों के साथ लॉबिंग गतिविधियों में लिप्त रहने से जुड़ी खबरों की जांच के लिए किया गया था।
समिति जांच कर रही है कि वॉलमार्ट ने क्या किसी भारतीय कानून का उल्लंघन करते हुए भारत में ऐसी कोई गतिविधि चलाने की कोशिश की है। समिति इस मुद्दे से जुड़े अन्य मामलों की भी जांच करेगी।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता वाली इस एक सदस्यीय समिति ने आज की बैठक में जांच प्रक्रिया आगे बढ़ाने से पहले वॉलमार्ट एशिया और भारती वॉलमार्ट से प्रतिक्रिया मिलने तक प्रतीक्षा करने का फैसला किया है।
कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा ‘‘चर्चा के बाद समिति द्वारा उठाए गए सवालों पर उक्त कंपनियों के जवाब का इंतजार करने का फैसला किया गया।’’ समिति की अगली बैठक की तारीख का फैसला होना अभी बाकी है जो अप्रैल के दूसरे हफ्ते में हो सकती है।
समिति से अपनी रपट 30 अप्रैल 2013 तक सौंपने के लिए कहा गया है। कारपोरेट मामले मंत्रालय इस मामले में समिति को प्रशासनिक सहायता प्रदान कर रहा है। आज की बैठक में मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद थे।
पिछले साल दिसंबर में इस मुद्दे पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। इसके बाद सरकार ने एक सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी।
समिति अपने द्वारा जारी एक सार्वजनिक नोटिस पर मिली प्रतिक्रिया की भी जांच कर रही है, जिसमें सरकार ने समिति के उद्देश्यों के संबंध में आम जनता से राय मांगी गई थी।
वालमार्ट द्वारा भारतीय बाजार में प्रवेश के लिए 2008 से अमेरिकी सांसदों के साथ लॉबिंग गतिविधि की खबरों के बीच सरकार ने पिछले साल संसद को आश्वस्त किया था कि मामले की जांच किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराई जाएगी।
बाद में सरकार ने एक समिति का गठन किया जिसके उद्देश्यों में उन मीडिया रपटों की जांच करना भी शामिल होगा जिनमें वॉलमार्ट द्वारा अमेरिका के ऊपरी सदन मे लाबिंग की गतिविधि और इसके ब्यौरे के खुलासे का जिक्र था।
इससे पहले 7 मार्च को समिति ने औद्योगिक संवर्धन एवं नीति विभाग, कापरेरेट कार्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात की थी।
इस बीच, वॉलमार्ट ने भारत और अन्य देशों में भी विदेशी निवेश मानदंड से जुड़े मामलों में अमेरिकी सांसदों के साथ लाबिंग जारी रखी और 2012 के दौरान लाबिंग पर 61.3 लाख डॉलर खर्च किए।