देश का सोने का आयात (Gold Import) बीते वित्त वर्ष के पहले 11 माह (अप्रैल-फरवरी, 2023) के दौरान करीब 30 प्रतिशत घटकर 31.8 अरब डॉलर रह गया. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. दरअसल, सीमा शुल्क की ऊंची दरों तथा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच सोने का आयात घटा है. आपके बता दें कि सोने का आयात देश के चालू खाते के घाटे (Current Account Deficit) को प्रभावित करता है. वित्त वर्ष 2021-22 की समान अवधि में पीली धातु (Yellow Metal) का आयात 45.2 अरब डॉलर रहा था. अगस्त, 2022 से सोने का आयात लगातार नकारात्मक बना हुआ है. हालांकि, बीते वित्त वर्ष के पहले 11 माह में चांदी का आयात (Silver Import) 66 प्रतिशत बढ़कर 5.3 अरब डॉलर हो गया.
सोने के आयात (India Gold Import) में भारी गिरावट के बावजूद देश के व्यापार घाटे (Trade Deficit) को कम करने में मदद नहीं मिली है. आयात और निर्यात का अंतर व्यापार घाटा कहलाता है. अप्रैल-फरवरी, 2022-23 में व्यापार घाटा 247.52 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 172.53 अरब डॉलर था. उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, सोने पर ऊंचे आयात शुल्क और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं की वजह से इसके आयात में गिरावट आई है.
रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) के पूर्व चेयरमैनऔर एमडी कोलिन शाह ने कहा, ‘‘भारत ने अप्रैल-जनवरी, 2023 के दौरान लगभग 600 टन सोने का आयात किया है. ऊंचे आयात शुल्क की वजह से इसमें गिरावट आई है. सरकार को घरेलू उद्योग की मदद करने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए शुल्क के हिस्से पर विचार करना चाहिए.''
अगर मात्रा के लिहाज से देखा जाए तो देश सालाना 800-900 टन सोने का आयात करता है. पिछले वित्त वर्ष के 11 माह के दौरान रत्न एवं आभूषण निर्यात 0.3 प्रतिशत घटकर 35.2 अरब डॉलर रह गया. सरकार ने कैड पर काबू के लिए पिछले साल सोने पर आयात शुल्क 10.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया था.