एक उद्योग संगठन के अनुसार आयात पर प्रतिबंध तथा आभूषण एसोसिएशनों द्वारा सिक्के व छड़ों की बिक्री रोक देने के कारण जून महीने में सोने का आयात लगभग 24 प्रतिशत घटकर 38 टन रहने का अनुमान है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जून 2012 में सोने का आयात लगभग 50 टन रहा था।
उल्लेखनीय है कि देश के बढ़ते चालू खाते के घाटे (कैड) में सोने के भारी आयात को बड़ा कारण माना जा रहा है। इसके मद्देनजर सरकार ने सोने पर आयात शुल्क को सालभर में तीन बार बढ़ाकर दो से आठ प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक ने भी बैंकों द्वारा सोने के आयात पर कई तरह के अंकुश लगाए हैं।
इस बीच अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण कारोबार संघ (जीजेएफ) ने सोने के आयात पर नियंत्रण में मदद के लिए कदम उठाए हैं। इसके तहत उसने अपने सदस्यों से छड़ों तथा सिक्कों की बिक्री रोकने को कहा है।
जीजेएफ के चेयरमैन हरीश सोनी ने कहा, हमने अपने सदस्यों तथा सम्बद्ध सदस्यों से कहा है कि वे सोने का आयात घटाने में सरकार की मदद करें तथा छड़ें व सिक्के नहीं बेचें। हमें सदस्यों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने कहा कि इससे सोने का आयात घटेगा।
जीजेएफ ने वित्त मंत्रालय को एक ज्ञापन भी सौंपा है जिसमें उसने आभूषण उद्योग को प्रभावित किए बिना सोने के आयात पर काबू पाने के उपाय सुझाए हैं।