अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने कहा है कि कोयले के लिए मांग में वृद्धि धीमी रहने की संभावना है। इसका कारण चीन का स्वच्छ ऊर्जा पर ध्यान देना, अमेरिका का सस्ती गैस की ओर रुख तथा यूरोप में अस्थायी आर्थिक पुनरुद्धार के समाप्त होने की आशंका है।
आईईए ने कहा कि कोयले के लिए सालाना मांग वृद्धि 2018 तक 2.3 प्रतिशत रहेगी जबकि पूर्व में इसके 2.6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था।
आईईए ने कहा, वृद्धि की रफ्तार थोड़ी धीमी होने के बावजूद वैश्विक प्राथमिक ऊर्जा को तेल या गैस के मुकाबले कोयला ज्यादा पूरा करेगा। पिछले एक दशक से अधिक समय से यह प्रवृत्ति बनी हुई है। वर्ष 2007 से 2012 के बीच कोयले के लिए मांग 3.4 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ी है।
कोयले की खपत 2012 में 769.7 करोड़ टन रही, जो इससे पूर्व वर्ष के मुकाबले 2.3 प्रतिशत अधिक है।