बीजेपी की जोरदार मांग के बावजूद सरकार ने उन 142 कोल ब्लॉक के आवंटन को रद्द करने से इनकार कर दिया है, जिनके बांटे जाने पर कैग की रिपोर्ट में सवाल उठाए गए हैं। लेकिन कोयला मंत्रालय की एक अंतर-मंत्रीय पैनल ने वक्त पर खुदाई शुरू नहीं करने की वजह से 53 कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है।
सूत्रों के मुताबिक पैनल की ड्राफ्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कंपनियों के लाइसेंस रद्द करके उन्हें पब्लिक सेक्टर की कोल इंडिया के हवाले कर दिया जाना चाहिए।
हालांकि इनमें वैसी कुछ ही कंपनियां हैं, जिनका नाम सीएजी की रिपोर्ट में भी है, लेकिन इतना तय है कि लाइसेंस का कैंसल होना
कंपनियों के चुनाव और इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हैं।