सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को फिलहाल के लिए टाल दिया है. पेट्रोल पर लगने वाले शुल्क को फिलहाल एक महीने के लिए और डीजल पर लगने वाले शुल्क को छह महीने के लिए टाल दिया गया है. खास बात ये है कि पेट्रोल और डीजल के प्रति लीटर पर दो रुपये की दर से अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाने का फैसला लिया गया था. सरकार ने ये फैसला मिश्रण के बगैर बिगने वाले पेट्रोल - डीजल को लेकर लिया था.
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार की रात को जारी एक गजट अधिसूचना में कहा कि इथेनॉल की मिलावट के बगैर बिकने वाले पेट्रोल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क अब एक नवंबर, 2022 से लागू होगा. वहीं बायो-डीजल के मिश्रण के बगैर बिकने वाले डीजल पर यह शुल्क अब एक अप्रैल, 2023 से लागू किया जाएगा. सरकार ने इथेनॉल एवं बायो-डीजल के मिश्रण वाले ईंधन की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए बिना मिश्रण वाले पेट्रोल एवं डीजल पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की तैयारी में है. लेकिन इस फैसले को लागू करने के लिए उद्योग समुदाय को अधिक समय देने की कवायद के तौर पर समयसीमा को आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है.
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अप्रैल 2022 से शुरू वित्त वर्ष के लिए अपने बजट में इथेनॉल और बायो-डीजल के मिश्रण के बगैर बिकने वाले पेट्रोल और डीजल पर दो रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाने की घोषणा की थी. बिना मिश्रण वाले ईंधन पर यह अतिरिक्त उत्पाद शुल्क एक अक्टूबर 2022 से लागू होना था, लेकिन अब इसे अगले महीने तक के लिए टाल दिया गया है.