
प्रतीकात्मक चित्र
सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड में अपनी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री और कोचीन शिपयार्ड का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। चालू वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश से 69,500 करोड़ रुपये जुटाने के लक्ष्य को हासिल करने को लेकर बढ़ती चिंता के बीच यह कदम उठाया गया है।
कोयला और बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कैबिनेट की बैठक के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने कोल इंडिया में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा इससे सरकारी खजाने में करीब 20 हजार करोड़ रुपये आने की उम्मीद है।
कोल इंडिया के मौजूदा बाजार मूल्य के हिसाब से उसकी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री से सरकार को 21,137.71 करोड़ रुपये प्राप्त हो सकते हैं। कोल इंडिया की कर्मचारी यूनियन हालांकि कंपनी में सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री का विरोध करती रही है। सरकार ने कोचीन शिपयार्ड के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।
आधिकारिक वक्तव्य के अनुसार आईपीओ के तहत 10 रुपये मूल्य के 3.40 करोड़ शेयर जारी किए जाएंगे। इससे कंपनी में 33.98 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी आएगी। आईपीओ में 2.26 करोड़ नई इक्विटी और 1,13,28,000 सरकारी इक्विटी शामिल होगी।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश से 69,500 करोड़ रुपये जुटाने का बजट प्रावधान किया है। इसमें से 41,000 करोड़ रुपये अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री और शेष 28,500 करोड़ रुपये रणनीतिक बिक्री से प्राप्त किए जाएंगे।