भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में बैंकों के एक समूह ने किंगफिशर हाउस को अपने कब्जे में ले लिया। यह कारपोरेट कार्यालय किंगफिशर एयरलाइंस का है जो फिलहाल परिचालन में नहीं है। कंपनी के ऊपर बैंकों का करीब 7,000 करोड़ रुपये बकाया है और बकाया नहीं लौटाने के कारण कर्जदाता बैंक कंपनी की संपत्ति अपने कब्जे में ले रहे हैं।
पिछले सप्ताह मुंबई के उपनगरीय इलाका अंधेरी में किंगफिशर हाउस के गेट पर दफ्तर को अपने अधिकार में लेने को लेकर नोटिस चिपकाया गया था। अनुमान के मुताबिक संपत्ति का मूल्य 93 करोड़ रुपये है।
किंगफिशर एयरलाइंस ने यात्रियों से वसूले गए सेवा कर को भी कर अधिकारियों के पास जमा नहीं कराया। किंगफिशर की संपत्ति में कर विभाग भी पक्ष है।
सूत्रों ने कहा कि सेवा कर विभाग के साथ कुछ मुद्दे हैं और मामला फिलहाल अदालत के समक्ष लंबित है। सूत्रों के अनुसार इसीलिए यह कहना मुश्किल होगा कि संपत्ति से धन की बरामदगी में कितना वक्त लगेगा।
गोवा में एयरलाइन का विला भी गिरवी का हिस्सा है। बैंक से कर्ज लेने के लिए इसे गारंटी के रूप में दिया गया था।
नवंबर 2010 में ऋण पुनर्गठन के बाद ये दोनों संपत्ति कर्जदाताओं के पास गिरवी हैं। इसके अलावा किंगफिशर के चेयरमैन विजय माल्या ने निजी गारंटी भी दे रखी है। साथ ही किंगफिशर ब्रांड समेत अन्य चीजें गिरवी रखी हुई हैं।