सिंगापुर की कंपनी Zilingo ने भारतीय मूल की CEO अंकिती बोस को वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में बर्खास्त कर दिया है. जिलिंगो ने शुक्रवार को भारतीय मूल की सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी अंकिती बोस को वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों को लेकर हुए फॉरेंसिक ऑडिट के बाद बर्खास्त किया. कंपनी के अकाउंट में कथित गड़बड़ियां मिलने की शिकायत के बाद 31 मार्च को अंकिती को निलंबित कर दिया गया था.
ज़िलिंगो ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि "स्वतंत्र फोरेंसिक जांच के बाद कंपनी ने अंकिति बोस को बर्खास्त करने का फैसला किया है और कंपनी के पास उनके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार है."
हालांकि, कंपनी ने इस बारे में कोई खास जानकारी नहीं दी कि बोस के खिलाफ क्या-क्या आरोप हैं और ऑडिट में उन्हें क्या पता चला है. कंपनी ने कहा कि बोस ने उत्पीड़न के आरोप तब लगाए जब 31 मार्च को उन्हें निलंबित किया गया और जांच में यह साबित हो गया कि कंपनी ने उचित कार्रवाई की है.
कंपनी ने कहा कि बोस ने 31 मार्च के निलंबन के बाद शोषण के कुछ आरोप लगाए थे और जांच में पता चला है कि इस संबंध में उचित कार्रवाई की गई थी. बयान में कहा गया है, "31 मार्च के निलंबन के बाद, 11 अप्रैल को अंकिती बोस ने पहली बार बोर्ड को अतीत में हुई शोषण की कुछ घटनाओं से अवगत कराया. इसमें निवेशकों या उनके नॉमिनी के खिलाफ शोषण की कोई शिकायत नहीं थी."
कंपनी ने बताया कि आरोपों की जांच के लिए एक शीर्ष की कंसल्टिंग कंपनी को नियुक्त किया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कंपनी ने आरोपों पर उचित कार्रवाई की. कंपनी ने कहा कि मीडिया में ऐसी रिपोर्ट्स आई है कि शोषण के आरोपों को दबाने के लिए उनके खिलाफ निलंबन और जांच की कार्रवाई की, जबकि स्वतंत्र फर्म की जांच में सामने आ चुका है कि इन आरोपों पर उचित कार्रवाई की गई है.
बता दें कि अंकिती बोस और कंपनी के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर ध्रुव कपूर ने 2015 में Zilingo की शुरुआत की थी. यह कंपनी फैशन मर्चेंट्स और फैक्ट्रियों को टेक्नोलॉजी सप्लाई करती है.