खुफिया एजेंसियां बीते वित्त वर्ष में फर्मों और व्यक्तियों द्वारा कथित तौर पर की गई मनी लांडरिंग और कालाधन के 1,100 से अधिक मामलों की जांच कर रही हैं।
वित्त मंत्रालय की वित्तीय आसूचना इकाई (एफआईयू) द्वारा 2011-12 में कुल 1,130 संदिग्ध लेनदेन रपटें (एसटीआर) केंद्रीय उत्पाद व सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) और इसकी दो प्रमुख खुफिया इकाइयों डीआरआई व डीजीसीईआई को सौंपी गईं। पिछले छह साल में यह सबसे अधिक एसटीआर हैं।
सूत्रों ने कहा कि एफआईयू द्वारा जो एसटीआर सौंपे गए हैं वे मुख्य रूप से कर चोरी व मनी लांडरिंग से संबंधित हैं। एफआईयू ने 2006-07 में 10, 2007-08 में 14, 2008-09 में 26, 2009-10 में 96 और 2010-11 में 121 एसटीआर सौंपे गए थे।
मनी-लांडरिंग रोधी कानून, 2002 के मुताबिक, प्रत्येक बैंकिंग कंपनी को संदिग्ध लेनदेन का ब्यौरा देना आवश्यक है चाहे वह लेनदेन में नकदी में किया गया हो या नहीं।