अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा चीन, मैक्सिको और कनाडा से आने वाले प्रोडक्ट पर हाई टैरिफ लगाने की घोषणा ने दुनिया भर के बाजारों में हलचल मचा दी है. हालांकि, यह फैसला भारत के लिए गोल्डन चांस भी साबित हो सकता है. अमेरिका द्वारा चीन, मैक्सिको और कनाडा से आयात पर उच्च टैरिफ (शुल्क) लगाने से भारतीय निर्यातकों को नए अवसर मिलने की संभावना है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे कृषि, इंजीनियरिंग, मशीन टूल्स, वस्त्र, केमिकल और चमड़ा उद्योग जैसे क्षेत्रों को बड़ा फायदा हो सकता है. पहले भी जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने चीन पर टैरिफ बढ़ाया था, तब भारत उन चार शीर्ष देशों में शामिल था जिन्हें इसका सीधा फायदा हुआ था.
क्या Trade War भारत के लिए एक बड़ा अवसर?
यदि भारत सही रणनीति अपनाता है, तो यह अमेरिका के साथ बेहतर व्यापार समझौता यानी ट्रेड डील हासिल कर सकता है और यूएस मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत बना सकता है. ऐसे में यह व्यापार युद्ध (Trade War) भारत के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है. इससे न सिर्फ भारतीय निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अमेरिकी कंपनियां भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित हो सकती हैं.
इसके अलावा, चीन पर लगाए गए उच्च टैरिफ से भारत को अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को और मजबूत करने का अवसर मिल सकता है.
किन सेक्टर्स को मिलेगा फायदा?
अमेरिकी बाजार में चीन, मैक्सिको और कनाडा के प्रोडक्ट महंगे होने से भारतीय एक्सपोर्टर्स के लिए नए मौके बन सकते हैं. ट्रंप प्रशासन ने मैक्सिको और कनाडा से आयात पर 25% और चीन से आयात पर 20% शुल्क लगाने की घोषणा की है. इससे इन देशों से अमेरिका को होने वाला निर्यात महंगा हो जाएगा, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धा क्षमता (Competitiveness) घटेगी. इसका सीधा फायदा भारत को मिल सकता है, क्योंकि भारतीय प्रोडक्ट्स इसकी तुलना में सस्ते होंगे और अमेरिकी बाजार में अपनी जगह मजबूत कर सकते हैं.खासतौर पर इन सेक्टर्स को सबसे ज्यादा लाभ मिलने की संभावना है:
- कृषि और खाद्य उत्पाद (Agriculture & Food Products) – चाय, कॉफी, मसाले और मछली उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा.
- मैन्युफैक्चरिंग और इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स (Manufacturing & Industrial Products) – मशीन टूल्स, इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर को फायदा होगा.
- टेक्सटाइल और गारमेंट (Textile & Garments) – भारतीय कपड़ों और टेक्सटाइल की मांग बढ़ सकती है.
- केमिकल और फार्मा (Chemical & Pharma) – दवाइयां और केमिकल इंडस्ट्री को अमेरिका में नई संभावनाएं मिल सकती हैं.
- चमड़ा और जूते (Leather & Footwear) – चीन के महंगे उत्पादों के मुकाबले भारतीय प्रोडक्ट अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे.
कैसे खुलेगा भारत के लिए नया दरवाजा?
ट्रंप ने 2 अप्रैल से भारत और चीन के लिए रिसिप्रोकल टैरिफ लगाने की बात की है, लेकिन अगर भारत एक फेवरएबल फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) हासिल कर लेता है, तो यह अमेरिका में अपने व्यापार का दायरा बढ़ा सकता है.
- यदि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता होता है, तो अमेरिकी कंपनियां भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगा सकती हैं. इससे मेक इन इंडिया (Make in India) को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर बनेंगे.
- चीन, मैक्सिको और कनाडा के महंगे सामान के मुकाबले भारतीय प्रोडक्ट कम कीमत और अच्छी क्वालिटी के कारण ज्यादा बिक सकते हैं.
- भारत को अमेरिकी बाजार में एक्सपोर्ट बढ़ाने का बेहतरीन मौका मिल सकता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
भारत के सामने क्या चुनौतियां होंगी?
हालांकि, इस मौके को भुनाने के लिए भारत को कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा:
- अमेरिका को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के लिए मनाना – यह भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी.
- ग्लोबल सप्लाई चेन में अस्थिरता – अगर वैश्विक स्तर पर सप्लाई चेन प्रभावित होती है, तो इसका असर भारत पर भी पड़ सकता है.
- घरेलू बाजार और किसानों की सुरक्षा – भारत को अपने घरेलू उद्योगों और किसानों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना होगा.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
NDTV से बातचीत में अजय दुआ (पूर्व सचिव, भारत सरकार), डॉ. जाकिर हुसैन (विदेश नीति विशेषज्ञ) और राहुल गुप्ता (ट्रेड एंड टैक्स एक्सपर्ट) ने बताया कि अमेरिका की ओर से चीन पर लगाया गया टैरिफ भारत के लिए बड़ा अवसर बन सकता है.
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए हो सकता है गेम-चेंजर
अमेरिका द्वारा चीन, मैक्सिको और कनाडा पर उच्च टैरिफ लगाने से भारत के लिए नए रास्ते खुल सकते हैं. यदि भारत फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हासिल करता है और अपने एक्सपोर्ट सेक्टर को मजबूत करता है, तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है. हालांकि, भारत को सही रणनीति अपनाने और चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा.