SEBI ने अदाणी मामले में अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग और नाथन एंडरसन को भेजा कारण बताओ नोटिस

Adani-Hindenburg case: भारतीय मार्केट रेगुलेटर SEBI का आरोप है कि हिंडनबर्ग और एंडरसन ने SEBI एक्ट के तहत प्रिवेंशन ऑफ फ्रॉडलेंट एंड अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेस रेगुलेशंस, SEBI के कोड ऑफ कंडक्ट फॉर रिसर्च एनालिस्‍ट रेगुलेशंस का उल्लंघन किया है.

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Adani-Hindenburg Row: SEBI को हिंडनबर्ग, एंडरसन और किंग्डन से उनके जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
नई दिल्ली:

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अदाणी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों के बारे में भ्रामक रिपोर्ट जारी करने के आरोप में अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च, नाथन एंडरसन और मॉरीशस स्थित FPI मार्क किंग्डन को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया है. SEBI ने अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों (Adani Enterpris Share Price) में ट्रेडिंग नियमों के उल्लंघन के लिए ये नोटिस जारी किया.

SEBI ने क्या आरोप लगाए हैं?

भारतीय मार्केट रेगुलेटर SEBI का आरोप है कि हिंडनबर्ग और एंडरसन ने SEBI एक्ट के तहत प्रिवेंशन ऑफ फ्रॉडलेंट एंड अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेस रेगुलेशंस, SEBI के कोड ऑफ कंडक्ट फॉर रिसर्च एनालिस्‍ट रेगुलेशंस का उल्लंघन किया है.

वहीं, FPI किंग्डन पर वेंशन ऑफ फ्रॉडलेंट एंड अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेस रेगुलेशंस के अलावा SEBI के कोड ऑफ कंडक्ट फॉर FPI रेगुलेशन के उल्लंघन का आरोप है.

SEBI ने अपनी जांच में क्या पाया?

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने बताया, 'हिंडनबर्ग और FPI ने भ्रामक डिस्‍क्‍लेमर जारी किया कि रिपोर्ट केवल भारत के बाहर कारोबार की जाने वाली सिक्‍योरिटीज के वैल्‍युएशन के लिए थी, जबकि ये स्‍पष्‍ट तौर पर भारत में लिस्‍टेड कंपनियों से संबंधित थी.'

SEBI का यह भी दावा है कि हिंडनबर्ग को भारतीय डेरिवेटिव मार्केट में अदाणी एंटरप्राइजेज फ्यूचर्स में ट्रेड करने के लिए FPI मार्क किंग्डन ने अदाणी एंटरप्राइजेज में  इनडायरेक्‍टली शामिल होने में मदद की और कमाए गए मुनाफे को शॉर्टसेलर के साथ साझा किया.

दूसरी ओर अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग ने जनवरी 2023 में जारी की गई अपनी रिपोर्ट के बचाव में दलीलें जारी रखी हैं. अब SEBI को हिंडनबर्ग, एंडरसन और किंग्डन से उनके जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

अदाणी ग्रुप को मिली क्लीन चिट पर जनवरी, 2024 में SC की मुहर

इससे पहले, हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर एक्सपर्ट कमेटी और SEBI द्वारा कई महीनों तक की गई जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट भी इसी साल जनवरी में अदाणी ग्रुप को मिली क्लीन चिट पर मुहर लगा चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा था कि SEBI की जांच नियमों के तहत की गई है, और उसमें कतई कोई खामी नहीं, इसलिए इस मामले की जांच SIT से करवाने का औचित्य नहीं बचा है. 

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SC ने कहा था, जांच को किसी अन्य एजेंसी को देने का औचित्य नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने जांच को किसी केंद्रीय जांच एजेंसी को स्थानांतरित करने से भी इंकार किया था, और कहा था कि अब याचिकाकर्ताओं को ठोस सबूत प्रस्तुत करने होंगे कि SEBI और एक्सपर्ट कमेटी ने पक्षपातपूर्ण तरीके से जांच की. इस फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और SEBI को आदेश दिया था कि भारतीय निवेशकों के हित मज़बूत करने के लिए विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों पर काम किया जाए.

(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

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