गुड न्यूज: टैक्स के बाद अब महंगाई में भी लोगों को राहत, खुदरा मुद्रास्फीति हुई कम

India Retail Inflation Reduced: भारत की खुदरा महंगाई में कमी आने से आम लोगों को फायदा होगा. इसके आगे भी कम रहने की अर्थशास्त्री संभावना जता रहे हैं.

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India Retail Inflation Reduced: सब्जियों की बेहतर आवक के आंकड़े आगे महंगाई को और कम कर सकते हैं.

India Retail Inflation Reduced: खुदरा महंगाई घटकर जनवरी में 4.31 प्रतिशत पर आ गई है. मुख्य रूप से खाने का सामान सस्ता होने मुद्रास्फीति में कमी आई है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में 5.22 प्रतिशत और पिछले साल जनवरी में 5.1 प्रतिशत थी. बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खाद्य मुद्रास्फीति जनवरी में 6.02 प्रतिशत रही, जो दिसंबर में 8.39 प्रतिशत तथा एक वर्ष पूर्व इसी माह में 8.3 प्रतिशत थी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को यह जिम्मेदारी दी गयी है कि कि खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनी रहे.

अर्थशास्त्री क्या बोले

मुंबई के बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री दीपान्विता मजूमदार के अनुसार, "सीपीआई में नरमी नीतिगत दृष्टिकोण से स्वागतयोग्य है, जब वैश्विक अनिश्चितता चल रही है. नीचे की ओर सुधार को खाद्य और सीमाबद्ध कमोडिटी की कीमतों द्वारा समर्थित किया गया है. आगे चलकर, सब्जियों की बेहतर आवक के आंकड़े, रबी की अच्छी फसल और कुशल खाद्य आपूर्ति प्रबंधन के लिए सरकारी प्रयास आरबीआई के लिए राहत प्रदान करेंगे. हालांकि, आयातित मुद्रास्फीति और कमोडिटी मूल्य चक्र के नीचे आने से जोखिम उभरता है."

आने वाले महीनों में भी कम रहेगी

मुंबई के कोटक महिंद्रा बैंक मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज के अनुसार, "खाद्य कीमतों में उल्लेखनीय कमी के कारण जनवरी सीपीआई मुद्रास्फीति उम्मीद से अधिक तेजी से कम हुई. इस बीच, मुख्य मुद्रास्फीति 3.7% तक बढ़ गई. कुल मिलाकर, हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति की गति नरम रहेगी, जिससे एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) द्वारा दर में 25 आधार अंकों की कटौती की गुंजाइश मिलेगी. हालांकि, घरेलू मुद्रास्फीति पर प्रभाव के लिए रुपये के मूल्यह्रास की गति पर बारीकी से नजर रखने की आवश्यकता होगी."

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