भारत के पावर सेक्टर (Power Sector) में काफी तेजी से विकास हो रहा है, इसकी एक बड़ी वजह औद्योगिक और व्यापारिक पैमाने पर बिजली खरीद समझौतों में बढ़ोतरी है. ब्रोकरेज फर्म Jefferies के अनुसार, अब आधे से ज्यादा पावर एग्रीमेंट डिमांड-सप्लाई प्लेटफॉर्म पर हो रही है. हाल ही में Jefferies ने अदाणी ग्रुप (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अदाणी (Gautam Adani) से मुलाकात की और उनसे पावर सेक्टर के भविष्य के बारे में चर्चा की.
लॉन्ग-टर्म पावर परचेज एग्रीमेंट बढ़कर 15% बढ़ा
देश में साल 2010 के 8% के मुकाबले अब लॉन्ग-टर्म पावर परचेज एग्रीमेंट बढ़कर 15% हो गया है. इसके साथ ही,कंपनियों के सीधे बिजली खरीद समझौते करने और एक्सचेंजों में कारोबार बढ़ने से बाजार के हिसाब से बिजली की कीमतें तय हो रहीं हैं. गौतम अदाणी के अनुसार, यह बदलाव भारत की बिजली कंपनियों को मुनाफा कमाने के नए अवसर दे रहा है.
रिन्यूएबल एनर्जी को मिलेगा खास फायदा
अदाणी ग्रुप की ग्रोथ स्ट्रैटजी व्यापक है, जो मुख्य रूप से इन चार चीजों Backward Integration, Scalability, Controlled Leverage और Return on Equity- ROE पर केंद्रित है.
अदाणी समूह का बैलेंस शीट और क्रेडिट रेटिंग बेहतर करने पर फोकस
गौतम अदाणी ने जेफरीज को बताया कि अदाणी समूह अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए बैलेंस शीट पर जरूरत से ज्यादा कर्ज नहीं लेना चाहता है. कंपनी अपने शेयरों पर अच्छा मुनाफा कमाना चाहती है. कंपनी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उनकी क्रेडिट रेटिंग अच्छी बनी रहे ताकि उन्हें कम ब्याज दर पर लोन मिल सके.
ब्रोकरेज फर्म ने मुलाकात के बाद के नोट में कहा कि अच्छी क्रेडिट रेटिंग बनाए रखना और जरूरी कर्ज शर्तों का पालन करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि ब्याज लागत सीधे तौर पर परियोजनाओं से होने वाले लाभ को प्रभावित करती है.
अदाणी ग्रुप के पास सपने को हकीकत में बदलने की क्षमता
ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने अपने नोट में कहा है कि अदाणी ग्रुप ने हमेशा अपने सपने को हकीकत में बदलने की क्षमता दिखाई है, चाहे वह ऑस्ट्रेलिया में उनकी माइनिंग प्रोजेक्ट के माध्यम से हो या भारत में अदाणी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड के जरिये लॉजिस्टिक्स सेक्टर में मार्केट लीडरशिप हो.
कंपनियां ऊर्जा जरूरतों पर कुछ नियंत्रण रखने के लिए इच्छुक: गौतम अदाणी
वैश्विक ऊर्जा जरूरतों में बिजली की हिस्सेदारी 2010 में 17% से बढ़कर आज 21% हो गई है, जबकि 79% जरूरत अभी भी कच्चे तेल सहित अन्य पदार्थों से पूरी होती है. गौतम अदाणी ने कहा कि कंपनियां अपने ऊर्जा जरूरतों पर कुछ नियंत्रण रखने के लिए इच्छुक हैं.
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में तेजी से हो रहा विकास
नोट में कहा गया है कि भारत में व्यापार और उद्योगों के लिए बिजली खरीद समझौते खासकर रिन्यूएबल एनर्जी के लिए तेजी से बढ़ रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे समझौतों की क्षमता अब 5 गीगावॉट से अधिक हो गई है. साल 2022 के ग्रीन ओपन एक्सेस नियमों ने प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को रिन्यूएबल एनर्जी खरीदने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है, जिससे इस सेक्टर में और तेजी से विकास हो रहा है.
50% से ज्यादा बिजली का कारोबार डिमांड-सप्लाई प्लेटफॉर्म पर
दुनिया भर में,पावर सेक्टर में काफी तेजी से विकास हुआ है, अब 50% से ज्यादा बिजली का कारोबार एक्सचेंजों जैसे डिमांड-सप्लाई प्लेटफॉर्म पर होने लगा है, जैसा कि ब्रिटेन, जर्मनी और ऑस्ट्रिया जैसे देशों में होता है. जेफरीज का कहना है कि भारत में, 2010 के 8% से बढ़कर अब लॉन्ग-टर्म पावर परचेज एग्रीमेंटर का हिस्सा 15% हो गया है. कंपनियों के कॉन्ट्रैक्ट करने और एक्सचेंजों में कारोबार बढ़ने का रुझान बाजार आधारित मूल्य निर्धारण का मार्ग प्रशस्त कर रहा है. यह बदलाव भारत में बिजली कंपनियों को मुनाफा कमाने के नए अवसर प्रदान करता है.
(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)