देश की सबसे बडी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी और अदाणी समूह के निवेश को लेकर पिछले कुछ दिनों से कई तरह की खबरें चर्चा में थीं. सोशल मीडिया पर भी यह सवाल बार-बार उठ रहा था कि क्या एलआईसी ने अदाणी कंपनियों में सरकार के कहने पर निवेश किया था.खासकर वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें होने लगीं कि क्या एलआईसी पर सरकार का कोई दबाव था?
इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में लिखित जवाब देकर इस तरह की खबरों पर विराम लगा दिया है.
LIC के अदाणी निवेश पर क्या-क्या बोलीं वित्त मंत्री?
अपने लिखित जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि अदाणी समूह में एलआईसी का निवेश पूरी तरह उनकी बोर्ड-अप्रूव्ड पॉलिसी और SOPs के मुताबिक हुआ है. उन्होंने बताया कि एलआईसी ने अदाणी समूह की करीब छह लिस्टेड कंपनियों में शेयर खरीदे हैं और इनकी कुल बुक वैल्यू 38,658.85 करोड़ रुपये है.
इसके अलावा एलआईसी ने मई 2025 में Adani Ports SEZ द्वारा जारी 5,000 करोड़ रुपये के सिक्योर्ड NCD में भी निवेश किया है. यह निवेश भी पूरी जांच-परख,डॉक्यूमेंट्स और पॉलिसी के अनुसार ही किया गया था.
LIC कैसे लेती है निवेश का फैसला?
वित्त मंत्री ने बताया कि एलआईसी अपने हर निवेश को लेकर बेहद सतर्क रहती है और सभी फैसले कड़े ड्यू डिलिजेंस रिस्क असेसमेंट और अपने बोर्ड की मंजूरी के बाद करती है. एलआईसी के निवेश की जांच कई लेवल पर होती है, जिसमें statutory audit, concurrent audit, system audit, internal vigilance team और IRDAI की inspections जैसी कई स्टेप्स शामिल हैं.इसके बाद ही निवेश को मंजूरी मिलती है. इसका मतलब है कि किसी भी निवेश को बिना पूरी जांच, दस्तावेज और प्रक्रिया के मंजूरी नहीं मिल सकती.
सिर्फ अदाणी ही नहीं, LIC का पोर्टफोलियो इतना बड़ा
एलआईसी कोई छोटा फंड नहीं है, बल्कि यह देश का सबसे बड़ा संस्थागत निवेशक है. इसके पास 41 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है और यह 351 से ज्यादा सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश करता है. वित्त मंत्री ने बताया कि एलआईसी का अधिकांश निवेश NSE और BSE की टॉप 500 कंपनियों में करती है.
LIC पोर्टफोलियो के कुछ सबसे बड़े निवेश इस प्रकार हैं...रिलायंस इंडस्ट्रीज में 40,901.38 करोड़ रुपये,इन्फोसिस में 38,846.33 करोड़ रुपये,टीसीएस में 31,926.89 करोड़ रुपये और एचडीएफसी बैंक में 31,664.69 करोड़ रुपये.
वहीं, Debt एक्सपोजर में भी HDFC Bank सबसे ऊपर है, जहां एलआईसी का कुल आउटस्टैंडिंग 49,149.14 करोड़ रुपये है.
अदाणी समूह में एलआईसी का कितना निवेश?
अदाणी ग्रुप में एलआईसी का एक्सपोजर इसके पूरे पोर्टफोलियो के मुकाबले बहुत कम है, यानी ये 2% से भी नीचे माना जाता है.अदाणी समूह की कंपनियों में सबसे ज्यादा निवेश AdaniTotal Gas में 8,646.82 करोड़ रुपये का है.
इसके अलावा, Adani Enterprises में 8,470.60 करोड़, Ambuja Cements में 5,787.73 करोड़, Adani Ports में 5,681.10 करोड़, Adani Energy Solutions में 3,729.68 करोड़, Adani Green Energy में 3,486.10 करोड़ और ACC में 2,856.82 करोड़ का निवेश है.
ये सभी निवेश एलआईसी की बड़ी कंपनियों में किए गए निवेशों की लिस्ट में अलग-अलग रैंक पर आते हैं.
बता दें कि अक्टूबर में Washington Post की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने एलआईसी को अदाणी समूह में निवेश करने के लिए प्रेरित किया था. लेकिन अब वित्त मंत्री के इस बयान के बाद यह साफ हो गया है कि न निवेश में कोई सरकारी दखल था और न कोई दबाव. एलआईसी ने भी पहले कहा था कि उसके निवेश पूरी तरह बोर्ड-अप्रूव्ड लिसी और ड्यू डिलिजेंस के तहत होते हैं.














