एनडीटीवी के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोविड के बाद सामने आने वाली चुनौती और उससे कैसे निपटे, इसके बारे में विस्तार से बात की. उन्होंने कहा कि हम COVID के बाद की चुनौतियों से अच्छे से निपटे हैं. हमने 100 से अधिक उपाय किए. कोविड के परिणामस्वरूप वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी स्थायी नुकसान हुआ.
शक्तिकांत दास ने कहा कि हमने कोविड और उसके बाद की चुनौती का अच्छे से सामना किया. कोविड के अलग-अलग दौर में चुनौतियां बड़ी थीं. दुनिया के सामने भी कई और चुनौतियां थीं. यूक्रेन युद्ध का असर बड़ा था. सरकार और RBI ने मिलकर अच्छा काम किया.
उन्होंने कहा कि कोविड से ग्लोबल इकोनॉमी में आउटपुट लॉस दिखा. कोविड समेत सभी चुनौतियों से हम बाहर निकल कर आए.
शक्तिकांत दास ने कहा कि 2024-25 में भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा.
उन्होंने कहा कि हमारा फोकस RBI की पॉलिसी को सरल भाषा में पेश करने पर है. आम लोगों की नजर में RBI एक रहस्यमयी संस्था है. आरबीआई ने 1935 में काम करना शुरू किया था. आज UPI पेमेंट में भी RBI का बड़ा रोल है.
शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंक और NBFC के गवर्नेंस पर नजर रखना RBI की प्राथमिकता है. अर्थव्यवस्था में बैंकों का योगदान अच्छा रहा है.