इस साल सितंबर में क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. फेस्टिव सीजन, बैंक ऑफर्स और डिजिटल पेमेंट की बढ़ती आदत ने मिलकर क्रेडिट कार्ड खर्च को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है. जीएसटी रेट कट और बढ़ी उपभोक्ता डिमांड के चलते लोगों ने शॉपिंग और ऑनलाइन पेमेंट में जमकर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया.
सालाना आधार पर 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी
CareEdge Ratings की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2025 में क्रेडिट कार्ड खर्च सालाना आधार पर 23% बढ़ा है और यह बढ़कर 2.17 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. यह 2020 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. बैंक द्वारा दिए गए फेस्टिव ऑफर्स और ई-कॉमर्स डिस्काउंट्स ने इस ग्रोथ में अहम भूमिका निभाई.
क्रेडिट कार्ड की संख्या भी बढ़ी
रिपोर्ट बताती है कि बीते साल सितंबर में आउटस्टैंडिंग क्रेडिट कार्ड की कुल संख्या 10.6 करोड़ थी, जो एक साल में 7% बढ़कर 11.3 करोड़ हो गई. मासिक आधार पर यह 1% की बढ़ोतरी रही. यानी लोग अब पहले से ज्यादा क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं.
इस दौरान प्राइवेट बैंकों का मार्केट शेयर पिछले साल के 75.5% से घटकर 130 बेसिस पॉइंट कम हुआ है. वहीं, सरकारी बैंकों ने टियर-2 और टियर-3 शहरों में अधिक ग्राहकों तक पहुंच बढ़ाई और ज्यादा एग्रेसिव डिस्ट्रीब्यूशन के चलते मार्केट शेयर हासिल किया.
प्रति कार्ड खर्च में भी बड़ा उछाल
सितंबर में प्रति कार्ड खर्च 19,144 रुपये रहा, जो अगस्त के 17,052 रुपये की तुलना में 12.2% ज्यादा है. वहीं, सितंबर 2024 में यह आंकड़ा 16,645 रुपये था यानी एक साल में 15% की बढ़ोतरी.
यह उछाल फेस्टिव सीजन में ऑनलाइन शॉपिंग, डिजिटल पेमेंट और बैंक इंसेंटिव्स के कारण देखने को मिला. इससे साफ है कि लोग अब अपनी खरीदारी के लिए डिजिटल पेमेंट और क्रेडिट कार्ड को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं.














