GST 2.0: सस्ते सामान से लेकर एक्सपर्ट की राय, जानें जीएसटी की पूरी ABCD

रिपोर्ट में पता चला कि अभी हर तरह के ब्रांडेड और पैकेज नमकीन और खाने-पीने के तेल, पैकेज्ड जूस पर 12% जीएसटी लगाई जाती है. अगर इसे 5% स्लैब में ट्रांसफर किया जाता है तो कई चीजें 7 रुपये से लेकर 50 रुपये तक सस्ती हो सकती हैं. 

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  • GoM ने जीएसटी स्लैब 4 से घटाकर केवल 5% और 18% करने का प्रस्ताव मंजूर किया है
  • इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी छूट का प्रस्ताव भी रखा गया है, जिससे राजस्व में नुकसान हो सकता है
  • लागू करने का आखिरी फैसला सितंबर में जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया जाएगा
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लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने देशवासियों को दिवाली तोहफा मिलने की बात कही थी. साथ ही पीएम ने कहा था कि इस दिवाली जीएसटी में नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म होने जा रहे हैं. इसके बाद केंद्र ने जीएसटी काउंसिल के सामने मौजूदा चार स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) खत्म करके इसे सिर्फ दो स्लैब 5% और 18% करने का प्रस्ताव दिया, जिसे आज मंत्री समूह (GoM) ने मंजूरी दे दी. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, "नया सिस्टम आम लोगों, किसानों, मिडिल क्लास और छोटे कारोबारियों के लिए फायदेमंद होगा. इससे जीएसटी ज्यादा पारदर्शी और ग्रोथ-फ्रेंडली बनेगा."

प्रस्ताव की खास बातें

  • मौजूदा 12% जीएसटी स्लैब की 99% वस्तुएं 5% स्लैब में स्थानांतरित हो जाएंगी
  • 28% स्लैब की लगभग 90%  वस्तुएं 18 प्रतिशत स्लैब में स्थानांतरित हो जाएंगी
  • केंद्र ने संशोधित जीएसटी व्यवस्था के तहत 5% और 18% दरों का प्रस्ताव रखा
  • आम आदमी की वस्तुओं और दैनिक उपयोग के उत्पादों पर संशोधित जीएसटी व्यवस्था में 5 प्रतिशत कर लगेगा
  • संशोधित व्यवस्था में तंबाकू उत्पादों पर 40 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा
  • अभी पेट्रोलियम उत्पाद जीएसटी व्यवस्था से बाहर रहेंगे

नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म क्या है?

पीएम मोदी ने कहा था कि जीएसटी को देश में आए 8 साल हो गए हैं. इन सालों में देश बदला है, अर्थव्यवस्था बदली है, इसलिए जरूरी है कि चल रहे जीएसटी में कुछ नए बड़े बदलाव किए जाएं, जो देश की मांग और सप्लाई को अगले लेवल पर ले जाएगा.

सरकार के क्या प्रस्ताव हैं?

अभी जो सामान 12% जीएसटी में आते हैं, उनमें से करीब 99% को 5% जीएसटी स्लैब में ले जाया जाएगा. वहीं, 28% जीएसटी वाले 90% सामानों को घटाकर 18% स्लैब में शिफ्ट किया जाएगा. इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा क्योंकि कई जरूरी चीजें पहले से ज्यादा किफायती हो सकती हैं.

कितने सस्ते हो सकते हैं सामान?

एनडीटीवी ने ग्राउंड रिपोर्ट में पता लगाया था कि इस बड़े बदलाव के बाद आम आदमी की जेब पर कितना असर पड़ेगा. इस रिपोर्ट में पता चला कि अभी हर तरह के ब्रांडेड और पैकेज नमकीन और खाने-पीने के तेल, पैकेज्ड जूस पर 12% जीएसटी लगाई जाती है. अगर इसे 5% स्लैब में ट्रांसफर किया जाता है तो कई चीजें 7 रुपये से लेकर 50 रुपये तक सस्ती हो सकती हैं. 

किस स्लैब से कितना मिल रहा रेवेन्यू?

  • कुल जीएसटी राजस्व का 67% 18% जीएसटी स्लैब वाले उत्पादों से 
  • कुल जीएसटी राजस्व का 11% 28% जीएसटी स्लैब वाले उत्पादों से
  • कुल जीएसटी राजस्व का 5% 12% जीएसटी स्लैब वाले उत्पादों से 
  • कुल जीएसटी राजस्व का 7% 5% जीएसटी स्लैब वाले उत्पादों से 

सरकार के फैसले पर क्या बोले एक्सपर्ट?

एक्सपर्ट और इकॉनॉमिस्ट वेद जैन ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि, 'प्रधानमंत्री मोदी ने आज ऐलान किया है कि दिवाली के मौके पर आम लोगों को तोहफा सरकार देगी. वित्त मंत्रालय का प्रस्ताव इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. जीएसटी स्लैब को चार से घटाकर अगर दो किया जाता है तो इससे अर्थव्यवस्था को फायदा होगा. अर्थव्यवस्था में कंजप्शन बढ़ेगा, डिमांड भी बढ़ेगी. राज्य सरकारों को वित्त मंत्रालय के इस नए प्रस्ताव पर सकारात्मक तरीके से विचार करना चाहिए.'

इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी छूट का सुझाव

बैठक में केंद्र ने यह भी प्रस्ताव रखा कि हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी को पूरी तरह माफ कर दिया जाए. ज्यादातर राज्यों ने इसका समर्थन किया, लेकिन उन्होंने कहा कि कंपनियों पर सख्त नजर रखनी होगी ताकि वे यह फायदा सही मायने में ग्राहकों तक पहुंचाएं. हालांकि, इस छूट से सालाना करीब 9,700 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है.

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कब होगा अंतिम फैसला?

ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की मंजूरी के बाद अब आखिरी फैसला जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में लिया जाएगा, जो सितंबर 2025 में होनी है. इस मीटिंग में मुहर लगते ही इस प्रस्ताव को पूरे देशभर में लागू कर दिया जाएगा.
 

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