कितनी सब्सिडी, कितना पैसा आया, कितना गया... बजट 2024 की गहरी बात समझिए

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश किया. आइए जानते हैं कि इस बजट में क्‍या है खास और किन क्षेत्रों पर कितना खर्च करने का प्रावधान किया गया है.

विज्ञापन
Read Time: 8 mins
नई दिल्‍ली:

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने केंद्रीय बजट 2024-25 (Budget 2024-25) को लोकसभा में पेश किया. इस दौरान वित्त मंत्री ने रुपये आने-जाने के स्रोतों के बारे में भी बताया. देश में सबसे ज्‍यादा पैसा उधारी और देनदारियों से आता है तो सबसे ज्‍यादा पैसा कर एवं शुल्‍कों में राज्‍यों की हिस्‍सेदारी के रूप में जाता है. वहीं इस बार के बजट में सबसे ज्‍यादा प्रावधान रक्षा क्षेत्र के लिए किया गया है. वित्त मंत्री ने रक्षा के लिए बजट का 29.8 फीसदी प्रावधान किया है. आइए इस बजट का विश्‍लेषण करते हैं और जानते हैं कि किन बजट में किन क्षेत्रों से पैसा आ रहा है और किन क्षेत्रों पर कितना खर्च किया जा रहा है. साथ ही जानते हैं कि विभिन्‍न क्षेत्रों के लिए इस बजट में क्‍या है. 

इस तरह से आता है पैसा  

केंद्रीय बजट के मुताबिक, जब एक रुपया जब सरकार के पास आता है तो उसमें से सर्वाधिक 27 पैसे उधारी और अन्‍य देनदारियों से आता है. आयकर से 19, माल और सेवा कर 18, निगमित कर से 17, गैर कर राजस्‍व से 9, केंद्रीय उत्‍पाद शुल्‍क से 5, सीमा शुल्‍क से 4 और गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियों से एक पैसा आता है. 

इस तरह से जाता है पैसा 

वहीं इस एक रुपये में से कर एवं शुल्‍कों में राज्‍यों के हिस्‍से में 21 पैसे चले जाते हैं. इसके बाद 19 पैसे ब्‍याज भुगतान, 16 पैसे केंद्रीय योजना आयोजना, वित्त आयोद एवं अन्‍य अंतरण और अन्‍य व्‍यय में 9-9 पैसे, रक्षा और केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं पर 8-8 पैसे, आर्थिक सहायता 6 पैसे और पेंशन पर 4 पैसे खर्च होते हैं. 

Advertisement

रक्षा क्षेत्र पर सर्वाधिक खर्च का प्रावधान 

इसके साथ ही केंद्र सरकार द्वारा बजट में सर्वाधिक खर्च रक्षा क्षेत्र पर करने का प्रावधान है. वित्त मंत्री के मुताबिक, रक्षा क्षेत्र पर 29.8 फीसदी, ग्रामीण क्षेत्र को 17.4 फीसदी, कृषि क्षेत्र पर 9.9 फीसदी,  घरेलू मामलों पर 9.9 फीसदी, शिक्षा क्षेत्र पर 8.2 फीसदी, आईटी और टेलीकॉम सेक्‍टर पर 7.6 फीसदी, स्‍वास्‍थ्‍य पर 5.8 फीसदी , ऊर्जा पर 4.5 फीसदी और वाणिज्‍य एवं उद्योग क्षेत्र  पर 3.1 फीसदी बजट के आवंटन का प्रावधान है. 

Advertisement

इस बजट में रक्षा क्षेत्र पर 4,54,773 करोड़ रुपये, ग्रामीण क्षेत्र पर 2,65,808 करोड़ रुपये, कृषि क्षेत्र पर 1,51,851 करोड़ रुपये, घरेलू मामलों पर 1,50,983 करोड़ रुपये, शिक्षा पर 1,25,638 करोड़ रुपये, आईटी और टेलीकॉम पर 1,16,342 करोड़ रुपये, स्‍वास्‍थ्‍य पर 89,287 करोड़ रुपये और ऊर्जा पर 68,769 करोड़ रुपये, सामाजिक कल्‍याण पर 56,501 करोड़ रुपये और वाणिज्‍य और उद्योग पर 47,559 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

Advertisement
Advertisement

गृह मंत्रालय को 2.19 लाख करोड़ रुपये का आवंटन

केंद्रीय बजट 2024-25 में गृह मंत्रालय के लिए 2,19,643.31 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें 1,43,275.90 करोड़ रुपये का बड़ा हिस्सा सीआरपीएफ, बीएसएफ और सीआईएसएफ जैसे केंद्रीय पुलिस बलों के लिए चिह्नित है. वित्त वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में गृह मंत्रालय को 2,02,868.70 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को प्रस्तुत केंद्रीय बजट में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर को 42,277 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो वर्तमान में केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष नियंत्रण में है. वहीं अंडमान निकोबार द्वीप समूह को 5,985.82 करोड़ रुपये, चंडीगढ़ को 5,862.62 करोड़ रुपये, लद्दाख को 5,958 करोड़ रुपये और दादरा नगर हवेली तथा दमन दीव को 1,490.10 करोड़ रुपये दिए गए हैं. 

बजट में जनगणना से संबंधित कार्य के लिए 1,309.46 करोड़ रुपये (2023-24 में 578.29 करोड़ रुपये) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के लिए 1,606.95 करोड़ रुपये (2023-24 में 1,666.38 करोड़ रुपये) आवंटित किए गए।

अर्द्धसैनिक बलों में, सीआरपीएफ को 2023-24 में 31,389.04 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से बढ़कर 31,543.20 करोड़ रुपये, बीएसएफ को 25,472.44 करोड़ रुपये (2023-24 में 25,038.68 करोड़ रुपये), सीआईएसएफ को 14,331.89 करोड़ रुपये (2023-24 में 12,929.85 करोड़ रुपये), आईटीबीपी को 8,634.21 करोड़ रुपये (2023-24 में 8,203.68 करोड़ रुपये), एसएसबी को 8,881.81 करोड़ रुपये (2023-24 में 8,435.68 करोड़ रुपये) और असम राइफल्स को 7,428.33 करोड़ रुपये (2023-24 में 7,276.29 करोड़ रुपये) आवंटित किए गए हैं. 

बजट में आसूचना ब्यूरो (आईबी) को 3,823.83 करोड़ रुपये (2023-24 में 3,268.94 करोड़ रुपये), दिल्ली पुलिस को 11,180.33 करोड़ रुपये (2023-24 में 11,940.33 करोड़ रुपये), विशेष सुरक्षा समूह को 506.32 करोड़ रुपये (2023-24 में 446.82 करोड़ रुपये) आवंटित किए गए हैं. 

केंद्रीय मंत्रिमंडल के व्यय के लिए 1,248.91 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं और आपदा प्रबंधन, राहत एवं पुनर्वास तथा राज्य सरकारों को अनुदान सहायता आदि के लिए 6,458 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्तावित है. 

विनिवेश, संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाने से 50,000 करोड़ रुपये

निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहित कांत पांडेय ने कहा कि सरकार ने विनिवेश और संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाने के जरिये 50,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इसके साथ ही केंद्रीय लोक उपक्रमों से लाभांश के रूप में 56,260 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे. यह अंतिम बजट में जताये गये 48,000 करोड़ रुपये से अधिक है. बजट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में आरबीआई, बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लाभांश 2,32,874 करोड़ रुपये रहेगा. यह अंतरिम बजट अनुमान 1.02 लाख करोड़ रुपये से दोगुने से भी अधिक है. 

लाभांश में इतनी वृद्धि का कारण आरबीआई से मिला 2.11 लाख करोड़ रुपये के अप्रत्याशित लाभांश है. साथ ही सरकार ने पूंजीगत प्राप्तियों के लिए 50,000 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया है. पिछले वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान 30,000 करोड़ रुपये था. 

पूंजीगत लाभ कर में बदलाव से 15 हजार करोड़ रुपये

राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​ने के मुताबिक, पूंजीगत लाभ कर की दरों में प्रस्तावित बदलाव से 15,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलने का अनुमान है. वित्त मंत्री ने बजट में पूंजीगत लाभ कर को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव किया है.  

सामाजिक न्याय विभाग को 13,539 करोड़ रुपये  

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को बजट में 13,539 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. यह पिछले साल के संशोधित अनुमान 9,853.32 करोड़ रुपये से 37 प्रतिशत अधिक है.  वित्त पोषण के प्रमुख क्षेत्रों में 'अनुसूचित जातियों के विकास के लिए अम्ब्रेला योजना' के लिए 9,549.98 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वहीं पिछले वित्त वर्ष में यह 6,780 करोड़ रुपये था. 'अन्य कमजोर समूहों के विकास के लिए अम्ब्रेला कार्यक्रम' को 2,150 करोड़ रुपये और मादक पदार्थों की मांग पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना के लिए 314 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को 38 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के लिए 21 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. वहीं विमुक्त, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू समुदायों के विकास और कल्याण बोर्ड का बजट पांच करोड़ रुपये पर स्थिर है. 

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के लिए  26,092 करोड़ का प्रावधान 

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के केंद्रीय बजट में ढाई प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी की गई है. मंत्रालय के लिए बजट में 26,092 करोड़ रुपये के प्रावधान किये गये हैं, जबकि पिछले वित्त वर्ष में संशोधित बजट राशि 25,448 करोड़ रुपये थी. वित्त मंत्री ने कहा कि महिला-नीत विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के तहत महिलाओं और लड़कियों से संबंधित योजनाओं के वास्ते तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किये गये हैं. महिला छात्रावास, स्वाधार (आश्रय) गृह और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी परियोजनाओं का समर्थन करने वाली ‘सामर्थ्य उप-योजना' के लिए 2,516 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले संशोधित बजट 2,325 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक है. बजट का महत्वपूर्ण हिस्सा केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के लिए निर्धारित है. इन योजनाओं के लिए 25,848 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं. 

विशेष रूप से सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के लिए 21,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. वहीं संबल उपयोजना में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' और महिला सुरक्षा के लिए ‘वन स्टॉप सेंटर' जैसी पहल शामिल हैं तथा इस उपयोजना के लिए 629 करोड़ रुपये के प्रावधान किये गये हैं. 

UPSC के लिए भी करोड़ों रुपयों का प्रावधान 

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को ‘सिविल सेवा परीक्षाओं एवं चयन' की प्रक्रिया पर होने वाले व्यय के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में 200 करोड़ रुपये से अधिक के प्रावधान किये गये हैं. संघ लोक सेवा आयोग भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित विभिन्न नौकरशाहों के चयन के लिए तीन चरणों (प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार) में सालाना परीक्षा आयोजित करता है. यूपीएससी को चालू वित्त वर्ष के लिए 425.71 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं. इनमें से 208.99 करोड़ रुपये अध्यक्ष और सदस्यों के वेतन और भत्तों एवं प्रशासनिक खर्चों के लिए हैं. आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं, भर्ती प्रक्रियाओं और चयन से संबंधित व्यय के लिए कुल 216.72 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. आयोग को 2023-24 के दौरान 426.24 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे. 

लोकपाल के लिए 33 करोड़ रुपये का प्रावधान 

लोकपाल के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में 33.32 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को चालू वित्त वर्ष के लिए 51.31 करोड़ रुपये के प्रावधान किये गये हैं. सीवीसी को 2023-24 के लिए 44.46 करोड़ रुपये दिए गए थे, जिसे पिछले वित्त वर्ष के लिए संशोधित कर 47.73 करोड़ रुपये कर दिया गया था. 

ये भी पढ़ें :

* पिछले बजट के मुकाबले इस बार 12.96% अधिक राशि स्वास्थ्य मंत्रालय को हुई आवंटित
* आठवां वेतन आयोग अभी नहीं ला रही केंद्र सरकार : सूत्र
* बजट पर इंडस्ट्री एक्सपर्ट की राय: MSME को बूस्ट से इंडस्ट्रियों को भी तो फायदा होगा

Featured Video Of The Day
'The Sabarmati Report' पर बोले PM Modi: 'झूठी धारणा नहीं टिकती' | Godhra Riots
Topics mentioned in this article